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जानिए इस वर्ष कैसी रहेगी जून से सितम्बर तक मानसूनी वर्षा

 

मौसम विभाग में जारी किया पूर्वानुमान

 

जून से सितम्बर के लिए मानसून पूर्वानुमान 2021

 

इस वर्ष वर्षा को लेकर किसानों के लिए अच्छी खबर है, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद जताई है |

मौसम विभाग ने 1 जून को मानसून को लेकर दूसरा पूर्वानुमान जारी किया, इससे पूर्व में ही मौसम विभाग पहले मानसून पूर्वानुमान में सामान्य मानसून की सम्भावना व्यक्त कर चूका है |

दुसरे पूर्वानुमान के अनुसार देश के उत्तरी और दक्षिणी भाग में सामान्य जबकि मध्य क्षेत्र में जमकर बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामान्य से कम वर्ष होगी । इस वर्ष मानसून में वर्षा सामान्य होगी |

आईएमडी के मुताबिक केरल के तट पर मानसून 3 जून को पहुंचेगा।

 

देश भर में कुल मिलाकर दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के सामान्य रहने एलपीए के मुकाबले  96 से 104 फीसदी रहने की सम्भावना अधिक है |

मात्रा के हिसाब से, देश भर में कुल मिलाकर मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के 4 प्रतिशत कम/ज्यादा की मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घ अवधि औसत 101 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

देश भर में कुल मिलाकर 1961-2010 की अवधि के लिए मौसमी वर्षा का एलपीए 88 सेमी. है।

 

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जून 2021 महीने में कैसी रहेगी मानसूनी वर्षा

 

मौसम विभाग के अनुसार जैसा की चित्र में नीले रंग से दर्शाया गया है जून के महीने में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार, हरियाणा राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है वहीँ चित्र में जी क्षेत्रों को पीले या लाल रंग से दर्शाया गया है ऐसे राज्य जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्णाटक एवं महारष्ट्र के कुछ हिस्सों में, गुजरात राज्यों में वर्षा सामान्य से कम होने की सम्भावना है |

 

जून से सितम्बर 2021 में कैसी रहेगी मानसूनी वर्षा

चार समरूप वर्षा में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के उत्तर पश्चिम भारत (92-108 प्रतिशत) और दक्षिण प्रायद्वीप 93-107 प्रतिशत में सामान्य रहने की बहुत संभावना है।

मौसमी वर्षा के पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम 95 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि मध्य भारत में सामान्य से अधिक 106 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

मानसून कोर जोन जिसमें देश के अधिकांश वर्षा पूरित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, में दक्षिण पश्चिम मानसून जून से सितंबर मौसमी वर्षा के सामान्य से अधिक 106 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

 

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नीचे दिए गए चित्र के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों जहाँ कृषि पर आत्मनिर्भरता अधिक है जैसे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड,उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना राज्यों में मानसून के दौरान सामान्य तथा सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त होने का अनुमान है।

 

 

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 40 प्रतिशत संभावना सामान्य बारिश की है, 22 प्रतिशत संभावना सामान्य से अधिक वर्षा की है, 12 प्रतिशत संभावना अत्यधिक बारिश होने की है तथा 18 प्रतिशत संभावना सामान्य से कम वर्षा की है |

 

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