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जैविक खेती में लाखों का मुनाफा कमाकर मध्य प्रदेश के किसान ने दिखाई नई राह

 

जैविक खेती में लाखों का मुनाफा

 

किसान जयराम गायकवाड़ 10 एकड़ जमीन का उपयोग जैविक खेती के लिये करके सालाना लगभग 35 लाख रुपये कमा रहे हैं.

 

ऑर्गेनिक फार्मिंग इस समय काफी चर्चा में है. मध्य प्रदेश इसमें अग्रणी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सभी किसानों को अपनी जमीन के थोड़े हिस्से में जैविक खेती करनी चाहिए.

बैतूल जिले के ग्राम बघोली के किसान जयराम गायकवाड़ ऐसे ही किसान हैं.

उनके पास अपनी 30 एकड़ जमीन है, जिसमें से सिर्फ 10 एकड़ जमीन का उपयोग जैविक खेती के लिये करके वो सालाना 35 लाख रुपये कमा रहे हैं.

ह दूसरे किसानों के लिए एक अच्छा उदाहरण है जो यह सोचते हैं कि ऐसी खेती में मुनाफा नहीं है.

मध्य प्रदेश में 17 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जैविक खेती हो रही है.

यहां लगभग पौने आठ लाख किसान ऐसी खेती कर रहे हैं. जिसमें एक हैं जयराम गायकवाड़.

 

जयराम पांच एकड़ में गन्ने की खेती, दो एकड़ में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, गौशाला और गोबर गैस संयंत्र, डेढ़ एकड़ में जैविक गेहूं और शेष डेढ़ एकड़ में जैविक सब्जियां उगा रहे हैं.

गौशाला में उनके पास 55 गौवंश हैं, जिनसे उन्हें रोज लगभग डेढ़ सौ लीटर दूध मिलता है.

इनसे भी उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. जयराम अपनी मेहनत से दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.

 

पिछले 15 साल से जैविक खेती कर रहे हैं जयराम

जयराम बताते हैं कि वह मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, भोपाल से पंजीकृत होने के बाद पिछले 15 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि गन्ने से वह जैविक गुड़ का निर्माण करते हैं, जो बाजार में 60 रुपये प्रति किलो के दाम पर बिकता है. जो सामान्य गुड़ से अच्छा है.

सुबह का दूध (Milk) वह बाजार में बेच देते हैं और शाम के दूध से वह मावा, पनीर, दही एवं मठा तैयार कर बेचते हैं.

इससे उन्हें काफी अच्छी आमदनी हो जाती है.

 

केमिकल फ्री खेती के गुर सीख रहे दूसरे किसान

गायकवाड़ बताते हैं कि जैविक खाद के रूप में वे वर्मी कम्पोस्ट भी बनाते हैं, जिसकी बिक्री से भी उन्हें अच्छी आमदनी होने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है.

उन्होंने बताया कि वह जरूरत होने पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर कृषि क्षेत्र में आई नई तकनीकी से स्वयं के काम और जानकारी में वृद्धि करते रहते हैं.

अब आसपास के गांव के किसान भी जयराम से मार्गदर्शन लेने आने लगे हैं. क्योंकि अब जैविक खेती पर चर्चा ज्यादा होने लगी है.

गायकवाड़ ने यह साबित किया है कि अगर कोई किसान सही तरीके से केमिकल फ्री खेती करे तो उसे नुकसान नहीं होगा.

 

वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचकर भी करते हैं कमाई 

जैविक खाद के रूप में वे वर्मी कम्पोस्ट भी बनाते हैं, जिसकी बिक्री से भी उन्हें अच्छी आमदनी होने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि वह जरूरत होने पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर कृषि क्षेत्र में आई नई तकनीकी से स्वयं के काम और जानकारी को अद्यतन भी करते रहते हैं।

अब आसपास के गाँव के किसान भी जयराम से मार्गदर्शन लेने आने लगे हैं।

 

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