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सरसों की खेती करने वाले किसान अपनाएं ये 15 वैज्ञानिक टिप्स

 

मिलेगी फसल की बंपर पैदावार

 

अगर सरसों की फसल से बंपर उत्पादन चाहिए, तो सरसों की खेती वैज्ञानिक तरीके से करना बहुत जरूरी है.

अगर किसान खेती में वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, तो पैदावार ज्यादा मिलती है,  साथ ही फसल कीटों व रोगों के प्रकोप से बचती है.

 

इसके अलावा, फसल की लागत कम आती है. इस तरह किसानों को सरसों की फसल से ज्यादा फायदा होता है.

मगर कई बार अधिक बारिश या फिर बेमौसम बारिश से किसानों को फसलों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

मौजूदा वक्त की बात करें, तो धान की फसल पककर तैयार हो गई, लेकिन बारिश से खेतों में पानी भरा गया, जिससे खेत में खड़ी फसल खराब हो गई.

 

ऐसे में किसानों को इन सभी बातों से सबक लेते हुए सरसों की खेती की तरफ रुख करना चाहिए.

बता दें कि सरसों की बुवाई अक्टूबर में होती है, इसलिए किसानों को सरसों की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए इस लेख को अवश्य पढ़ना चाहिए.

 

सरसों की वैज्ञानिक खेती करने का तरीका

  • किसान सरसों की बुवाई 5 से 25 अक्टूबर तक कर लें.
  • एक एकड़ खेत में करीब 1 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करें.
  • बुवाई के समय 100 किग्रा सिंगल सुपरफॉस्फेट, 35 किग्रा यूरिया और 25 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश का छिड़काव करें.
  • इसके बाद एक हफ्ते के भीतर खरपतवार की रोकथाम के लिए उपाय करें.
  • खरपतवार को रोकने के लिए पैंडीमेथालीन (30 EC) केमिकल की एक लीटर मात्रा 400 लीटर पानी में मिलाकर छिड़क दें.
  • बुवाई के 20 से 25 दिन बाद खेत की निराई-गुड़ाई करें. निराई-गुड़ाई करते समय घने पौधों को निकाल दें.
  • खेत में पौधों के बीच लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए, तो वहीं पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
  • फसल में पहली सिंचाई 35 से 40 दिन बाद करें. अगर जरूरत पड़े, तो दूसरी सिंचाई दाना बनते समय कर दें. ध्यान रहे कि सरसों में फूल आने के समय सिंचाई ना करें.
  • अगर फसल पर माहूं या चेंपा कीट का हमला होता है, तो नीम तेल की 5 एमएल मात्रा एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़क दें.
  • इसके लिए इमीडाक्लोप्रिड (8 एमएल) की 100 एमएल मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • फसल पर शाम के समय केमिकल का छिड़काव करें.
  • अगर जरूरत हो, तो दूसरा छिड़काव 10 से 12 दिन बाद करें.
  • फलियां बनते समय सरसों के पौधों की 20 से 25 सेमी नीचे की पुरानी पत्तियों की तुड़ाई कर दें.
  • फसल को पाले से बचाने के लिए फूल और फली बनने के समय थायोयूरिया की 250 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाएं और फिर छिड़क दें.
  • जब 75 प्रतिशत फलियां पीली हो जाएं, तब फसल की कटाई कर दें.

 

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए रबी फसलों के नए समर्थन मूल्य जारी किए थे.

इस बार सरसों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 400 रुपए बढ़ाकर 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है.

यानि सरसों के एमएसपी में बढ़ोतरी और सरसों के तेल की बढ़ती कीमत के चलते किसान सरसों की खेती की तरफ सबसे ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.

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