गेहूं की खास किस्म
इस समय एक तरफ किसान गेहूं की खेती की तैयार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अधिक पैदावार और बढ़िया मुनाफा देने वाली उन्नत किस्म की खोजबीन भी कर रहे हैं.
ऐसे में हमारा ये लेख आपके बहुत काम आएगा.
दरअसल, कई किसान यह नहीं जानते हैं कि इस साल देशभर के किसानों के बीच गेहूं की कौन-सी किस्म सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है.
अगर आप भी ऐसे किसानों में शामिल हैं, तो आपके लिए बता दें कि इस साल सबसे ज्यादा गेहूं की करण वैष्णवी किस्म की मांग की जा रही है.
किसानों के बीच इस किस्म को काफी पसंद किया जा रहा है.
यह किस्म भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित की गई, जो कि सबसे बेहतरीन किस्म में से एक है.
करण वैष्णवी बीज के लिए सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
आपको बता दें कि पहले भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में बीजों के लिए मेला लगता था.
इस मेले में देशभर के किसान पहुंचते थे और उन्नत किस्म के बीजों की खरीदारी करते थे.
मगर कोरोना काल की वजह से इस बार मेले का आयोजन नहीं किया गया.
ऐसे में संस्थान ने एक फैसला लिया कि इस बार किसानों के घर तक बीज भेजे जाएंगे.
इसके लिए किसानों को संस्थान की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना है, जिसके बाद किसानों के घर बीज भेजा जा रहा है.
संस्थान का कहना है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान सबसे ज्यादा गेहूं की करण वैष्णवी किस्म की बुकिंग रहे हैं.
यानि किसानों के बीच यह गेहूं की यह किस्म सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है.
कम समय में बंपर उत्पादन
क्या आप जानते हैं कि गेहूं की करण वैष्णवी किस्म को डीबीडल्यू-303 के नाम से भी जाना जाता है.
इसे गेहूं की सबसे उन्नत किस्म माना जा रहा है. इस किस्म को साल 2021 में ही अधिसूचित किया किया गया है.
इसकी खासियत यह है कि प्रति हेक्टेयर करीब 81.2 क्विंटल तक गेहूं की पैदावार प्राप्त होती है.
वहीं, इसकी औसतन पैदावार 93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
करण वैष्णवी किस्म की बुवाई
किसान भाई गेहूं की इस किस्म की बुवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में कर सकते हैं, क्योंकि ये समय इस किस्म की बुवाई के लिए सबसे उचित माना गया है.
इसकी अगेती बुवाई का समय 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक निर्धारित रहता है.
अगर गेहूं की करण वैष्णवी किस्म की बुवाई अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से नवंबर के पहले हफ्ते तक करेंगे, तो फसल करीब 145 दिन में पककर तैयार हो जाएगी.
इसके साथ ही किसानों को फसल की अच्छी और अधिक पैदावार हासिल होगी.
यह भी पढ़े : ये हैं प्याज की 5 सबसे उन्नत किस्में
यह भी पढ़े : खेत से ब्रोकली तोड़ने के मिलेंगे 63 लाख सालाना
यह भी पढ़े : खेत मे भर गया इतना पानी, कि नाव से मक्का निकलना पड़ा
शेयर करे