हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

आम के लिए कुछ ‘खास’ करने की जरूरत

 

कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई उत्पादकों की चिंता

 

कोरोना संकट में लोगों तक कैसे पहुंचेगा आम, मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांगी मदद, आंध्र प्रदेश में आम तैयार, लेकिन मंडियों में आवक कम.

 

कोरोना संक्रमण ने आम उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है. इस बार पैदावार अच्छी होने की संभावना है लेकिन अगर हालात खराब रहे तो यह बिकेगा कैसे, इसे खाएगा कौन? इसका एक्सपोर्ट कैसे होगा?

इन सवालों से उत्पादक परेशान हैं. पिछले साल यानी 2020 में भी कोरोना संकट की वजह से आम उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचा था.

एक्सपोर्ट में कमी आ गई थी. इस साल भी ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं.

 

मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष इंसराम अली ने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण में कमी नहीं आई और लॉकडाउन लगा रहा तो आम उत्पादकों के लिए यह काफी मुश्किल भरा समय होगा.

पिछले साल कोरोना की वजह से काफी नुकसान हुआ था. आम बिक नहीं पाया था. इस साल कुछ भरपाई की उम्मीद थी लेकिन कोरोना संक्रमण से उसे खत्म कर दिया है. आम भारत का राष्ट्रीय फल है.

 

यह भी पढ़े : ऋण के भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

 

एसोसिएशन ने सरकार से मांगा सहयोग

तो फिर सरकार से कैसी मदद चाहिए? इस सवाल के जवाब में अली ने कहा, “आम का ट्रांसपोर्टेशन न रोका जाए. मंडियां कोरोना प्रोटोकॉल के साथ शाम को भी खोली जाएं.

आम खरीदने के लिए बाहर से जो व्यापारी आते हैं उन्हें रोका न जाए. उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आने दिया जाए.

इस वक्त आंध्र प्रदेश वाली आम की किस्में नीलम, बंगपाली (सफेदा) और तोतापरी तैयार हैं. लेकिन उनकी आवक कोरोना की वजह से ही काफी कम है. इसलिए सरकार हमें थोड़ा सहयोग दे.”

 

अली ने बताया कि अगले महीने तक यूपी का भी आम आ जाएगा. यहां लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली, दशहरी और बांबे ग्रीन मुख्य प्रजातियां हैं.

आम अमरोहा, लखनऊ, मऊ, सीतापुर एवं उन्नाव का वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) है. इसके अलावा बाराबंकी, वाराणसी, सुल्तानपुर, देवरिया, गोरखपुर, मेरठ और बिजनौर यहां के बड़े उत्पादक जिले हैं.

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडार गृह बनवाने के लिए आवेदन करें

 

आम उत्पादन में भारत

  • भारत आम उत्पादन के मामले में प्रथम स्थान पर है.
  • मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन के अनुसार देश में 26 लाख हेक्टेयर में आम का उत्पादन हो रहा है.
  • इससे 1 करोड़ 90 लाख मिट्रिक टन पैदावार होती है.
  • उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल बड़े उत्पादक हैं.
  • देश में इसका सबसे बड़ा उत्पादक यूपी (UP) है.
  • यूपी में करीब 50 लाख मिट्रिक टन आम पैदा होता है.

 

भारत से आम का निर्यात

-भारतीय आम की पूरी दुनिया मुरीद है. आम में भी सबसे खास किस्म अल्फांसो है. इसका अधिकांश हिस्सा एक्सपोर्ट होता है.

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे अधिक निर्यात होता है. इसके अलावा सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत, यूके, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड में भी यहां से आम जाता है.

कोविड-19 की वजह से एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है. एपिडा के मुताबिक 2019-20 में 49,658.67 मिट्रिक टन आम एक्सपोर्ट किया गया.

 

यह भी पढ़े : मध्‍य प्रदेश के अनेक शहरों में बदला मौसम का मिजाज

 

source

 

शेयर करे