सरकार ने वापस लिया आदेश
1 अक्टूबर से मध्य प्रदेश सरकार ने रासायनिक खाद के दाम बढ़ा दिए थे जिसके बाद किसान परेशान थे.
किसानों का कहना था कि एमएसपी बढ़ाने का किसान को कोई लाभ नहीं हुआ क्योंकि खाद के दाम बढ़ गए हैं.
दरअसल सरकार यह भी चाहती है कि किसान रासायनिक खाद के बजाए, नैनो यूरिया या प्राकृतिक (जैविक) खाद का ज्यादा इस्तेमाल करें.
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर यह है.
राज्य शासन की ओर से डीलर्स को निर्देश दिए गए हैं कि रासायनिक खाद वापस पुराने दामों पर ही दी जाएगी.
खाद के बढ़े हुए दामों से परेशान किसान लगातार दाम कम करने की मांग करे रहे थे.
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ की ओर से सभी डीलर्स को पुरानी रेट भेज कर उसी पर खाद बेचने के निर्देश दिए गए हैं.
1 अक्टूबर को बढ़ी थी कीमत
गौरतलब है की 1 अक्टूबर से सरकार ने रासायनिक खाद के दाम बढ़ा दिए थे जिसके बाद किसान परेशान थे.
किसानों का कहना था कि एमएसपी बढ़ाने का किसान को कोई लाभ नहीं हुआ क्योंकि खाद के दाम बढ़ गए हैं.
दरअसल सरकार यह भी चाहती है कि किसान रासायनिक खाद के बजाए, नैनो यूरिया या प्राकृतिक (जैविक) खाद का ज्यादा इस्तेमाल करें.
खाद | पहले दाम (प्रति बैग) | नए दाम (प्रति बैग) |
एनपीके 12:32:16 | 1185 रुपए | 1700 रुपए |
एनपीके 10:26:26 | 175 रुपए | 1475 रुपए |
एनपीके 14:35:14 | 1230 रुपए | 1550 रुपए |
अमोनियम फास्फेट सल्फेट 20:20:0 | 1050 रुपए | 1225 रुपए |
डीएपी | 1211 रुपए | 1211 रुपए |
वापस ली गई बढ़ोतरी
ये बढ़ोतरी अब वापस ले ली गई है. फिलहाल डीएपी बाज़ार में उपलब्ध नहीं हो रही है.
वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में डीएपी के दाम बढ़े हुए हैं.
सरकार डीएपी इंपोर्ट करती है और इस पर सरकार किसानों को सब्सीडी भी उपलब्ध कराती है.
डीएपी के बेतरतीब इस्तेमाल होने से ज़मीन की उर्वरक क्षमता लगातार कम हो रही है, और सब्सीडी देने में सरकार पर आर्थिक रूप से काफी बोझ पड़ रहा है इसलिए सरकार इसका रिप्लेसमेंट यानि विकल्प भी चाहती है.
जहां तक नैनो डीएपी का सवाल है तो उसका ट्रायल चल रहा है, और इसे बाजार में आने में अभी समय लगेगा.
परिणाम अच्छे रहे तो आने वाले दिनों में सरकार नैनो डीएपी को ही प्रमोट करेगी.
इससे पहले नैनो यूरिया तकनीक बाज़ार में लॉन्च हो चुकी है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
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