गेहूं की किस्म की मांग
करण वैष्णवी को किसान डीबीडल्यू-303 के नाम से भी जानते हैं.
इसे गेहूं की सबसे उन्नत किस्म कहा जा रहा है 2021 में ही अधिसूचित किया किया.
इस किस्म में प्रति हेक्टेयर गेहूं की पैदावार 81.2 क्विंटल तक होती है जबकि औसतन उत्पादन 93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
धान की कटाई के साथ ही किसान रबी सीजन की बुवाई की तैयारी में लग गए हैं. गेहूं रबी सीजन में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल है.
ऐसे में किसान इसकी तैयारी तो कर ही रहे हैं, ज्यादा पैदावार और बढ़िया मुनाफा के लिए अच्छी किस्म की खोजबीन भी की जा रही है.
किसान जिस किस्म की सबसे ज्यादा मांग कर रहे हैं, वह है वैष्णवी प्रजाति का गेहूं. किसान इसे काफी पसंद कर रहे हैं.
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल की द्वारा विकसित की गई ये सबसे बेहतरीन किस्म में से एक है.
करण वैष्णवी बीज के लिए सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में पहले बीजों के लिए मेला लगता था जहां देशभर के किसान पहुंचते थे और उन्नत किस्म के बीजों की खरीदारी करते थे.
लेकिन कोरोना की वजह से इस बार मेले का आयोजन नहीं किया गया. ऐसे में संस्थान ने किसानों के घर तक बीज भेजने का फैसला लिया.
इसके लिए संस्थान की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसानों के घर बीज भेजा जा रहा है.
संस्थान ने बताया कि हरियाणा सहित पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान सबसे ज्यादा बुकिंग गेहूं की वैष्णवी बीज का रहे हैं.
किसानों के बीच इस प्रजाति को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है.
कम समय में बंपर उत्पादन
करण वैष्णवी को किसान डीबीडल्यू-303 के नाम से भी जानते हैं.
इसे गेहूं की सबसे उन्नत किस्म कहा जा रहा है 2021 में ही अधिसूचित किया किया.
इस किस्म में प्रति हेक्टेयर गेहूं की पैदावार 81.2 क्विंटल तक होती है जबकि औसतन उत्पादन 93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
किसान इसकी बुवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में करते हैं क्योंकि ये समय इसके लिए सबसे ठीक माना जाता है.
इसकी अगेती बुआई का समय 25 अक्टूबर से पांच नवंबर तक निर्धारित रहता है.
करण वैष्णवी की अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से नवंबर के पहले हफ्ते तक बुवाई करेंगे तो 145 दिन में फसल तैयार होगी.
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