खराब मौसम ने बिगाड़ा किचन का पूरा बजट
लासलगांव बाजार में औसत थोक मूल्य 16 सितंबर को 14.75 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 16 अक्टूबर को 33.40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है, जो 120 फीसदी अधिक है.
प्याज की कीमत दिवाली तक तो कम होने की उम्मीद नहीं है. महानगरों में प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपए प्रति किलो तक है.
बेमौसम बारिश के कारण आपूर्ति बाधित हुई है जिसके कारण कीमत कम होने की उम्मीदों को झटका लगा है.
प्याज के साथ ही टमाटर और सब्जियों जैसे पत्तागोभी और लौकी की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है जिससे किचन का पूरा बजट ही बिगड़ गया है.
कारोबारियों ने कहा है कि दिसंबर तक प्याज की कीमतों को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक मौसम बना रहेगा, जब नई फसल की आवक सामान्य रूप से अपने चरम पर होती है.
अगर मौसम खराब होता रहा तो सब्जियों की कीमत और बढ़ सकती है. हालांकि अगर मौसम ठीक रहा तो दीवाली तक कीममें स्थिर रह सकती हैं.
दोगुनी तक हुई प्याज की कीमत
नासिक के लासलगांव बाजार में पिछले एक महीने में थोक प्याज की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई हैं, जो वर्तमान में दिल्ली को प्याज का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.
लासलगांव बाजार में औसत थोक मूल्य 16 सितंबर को 14.75 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 16 अक्टूबर को 33.40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है, जो 120 फीसदी अधिक है.
बेंगलुरु एपीएमसी में प्याज की कीमतें 8 सितंबर को 10 रुपए किलो से बढ़कर 13 अक्टूबर को 35 रुपए किलो हो गईं.
उत्तरी कर्नाटक के हुबली बाजार में जहां खरीफ प्याज की फसल की कटाई की जा रही है, औसत कीमतें 16 सितंबर को 8.50 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 16 अक्टूबर को 14.50 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं.
राज्यों को बफर स्टॉक से भेजा जा रहा प्याज
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन राज्यों में बफर स्टॉक से प्याज देने शुरू कर दिया है जहां कीमतें अखिल भारतीय औसत कीमतों से ऊपर चल रही हैं.
मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 2021-22 के लिए बनाए गए 208,000 टन बफर स्टॉक में से 67,357 टन 12 अक्टूबर तक जारी किया गया है.
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