उन्नत क़िस्मों के बारे में
मूली की फ़सल की अच्छी बात ये है कि बुवाई के 40-50 दिनों के अंदर यह तैयार हो जाती.
बात जड़ वाली सब्ज़ियों की करें तो मूली का इसमें प्रमुख स्थान है.
आम लोगों की थाली में मूली सलाद से लेकर सब्ज़ी, अचार, पराठे और न जाने किन-किन रूपों में मौजूद होती है.
मूली आम लोगों की पसंदीदा तो है ही साथ ही खेती के लिहाज़ से भी यह फ़ायदेमंद है.
इसकी खेती करने वाले किसान बढ़िया मुनाफ़ा कमाते हैं.
मूली की उन्नत क़िस्मों के बारे में
इस फ़सल की अच्छी बात ये है कि बुवाई के 40-50 दिनों के अंदर इसकी फ़सल तैयार हो जाती है.सर्दियों का मौसम आ चुका है.
आमतौर पर मूली सर्दियों में उगाई जाने वाली फ़सल है लेकिन विज्ञान की बदौलत आजकल कई उन्नतशील क़िस्में हैं जिन्हें पूरे साल उगाया जा सकता है.
मूली की खेती से किसान कितना कमा सकते हैं ये हम आपको आगे बताएंगे. पहले हम जानते हैं मूली की उन्नत क़िस्मों के बारे में…
ये हैं मूली की उन्नत क़िस्में
जब भी आप मूली की खेती करने के बारे में सोचें तो इसकी क़िस्म को क्षेत्र और जलवायु के हिसाब से ही चुनें, मूली को मुख्यत: दो प्रजातियों में बांटा गया है.
एशियन प्रजाति (फ़रवरी से सितम्बर):
इस प्रजाति में पूसा चेतकी, पूसा देसी, पूसा रेशमी, काशी श्वेता, काशी हंस, अर्का निशांत, हिसार मूली नम्बर-1 पंजाब अगेती, पंजाब सफ़ेद, कल्याणपुर-1, जौनपुरी वग़ैरह क़िस्में शामिल हैं.
यूरोपियन प्रजाति (अक्टूबर से फ़रवरी):
इस प्रजाति में रैपिड रेड व्हाइट टिप्ड, व्हाइट आइसकिल, स्कारलेट ग्लोब पूसा हिमानी क़िस्में आती हैं.
बढ़िया कमाई देती है मूली की फ़सल
- मूली की फ़सल से किसान प्रजाति के हिसाब से अच्छी कमाई कर सकते हैं.
- इसकी देसी प्रजाति से 250 से 300 क्विंटल तक और यूरोपियन प्रजाति से 80 से 100 क्विंटल तक की उपज मिल सकती है.
- बात इसकी बिक्री की करें तो मंडियों में कम से कम क़ीमत होने पर भी मूली को 500 से लेकर 1200 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बेचा जाता है,
- यानि कि किसान प्रति हेक्टेयर मूली कि फ़सल से क़रीब डेढ़ लाख रुपये मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
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