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वर्ष 2020-21 के लिए गन्ने की सबसे अच्छी किस्में यह हैं

 

गन्ने की सबसे अच्छी किस्में 2020-21

 

देश में नगदी फसलों में कपास के बाद गन्ने की खेती प्रमुखता से की जाती है | इसकी खेती उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों में होती है |

भारत में गन्ने का औसतन उत्पादन 64.5 टन प्रति हैक्टेयर है, जो दुसरे देशों से काफी कम है | हवाई नामक देश में गन्ने का औसत उत्पादन 121 टन प्रति हैक्टेयर है जो भारत की तुलना में बहुत अधिक है |

इसका प्रमुख कारण गन्ने की प्रजातियों का उत्पादन क्षमता कम होना है | गन्ने की प्रजातियाँ गन्ने की धुरी होता है, इस पर ही गन्ने के उत्पादन के साथ–साथ चीनी तथा शर्करा उताप्दन निर्भर करती है |

 

वर्ष 2020-21 में गन्ने की सबसे अच्छी किस्में एवं उनकी विशेषताएं

को. – 86032 (नैना)

गन्ने की यह किस्म उष्ण कटिबंधीय भारत के प्रायदिव्पीय क्षेत्र के लिए विकसित की गई है | इसकी खेती उष्ण कटिबंधीय भारत में लगभग 10 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है |

यह क्षेत्र की चीनी परता बढ़ाने में मुख्य भूमिका अदा करती है | गन्ने की यह किस्म रोग प्रतिरोधक के साथ–साथ किसी भी मृदा में अच्छी उपज देती है |

यह किस्म लाल सडन रोग के प्रति सहनशील तथा कंडवा रोग प्रतिरोधक है |

 

इसकी खेती किन राज्यों में की जा सकती है ?

को. – 86032 को उष्णकटिबंधीय भारत के सभी राज्यों जैसे तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्रा, गुजरात, आंध्र प्रदेश एवं ओड़िसा आदि राज्यों में की जा सकती है |

 

गन्ने तथा चीनी का उत्पादन कितना है ?

को. – 86032 किस्म के गन्ना की औसत उपज 120 टन प्रति हैक्टेयर है | इस किस्म के गन्ने से 15.09 टन चीनी प्रति हैक्टेयर प्राप्त होता है |

शर्करा का उत्पादन और किस्म के गन्ने से काफी ज्यादा है | इस किस्म के गन्ने के शर्करा उत्पादन 19.19 प्रतिशत दर्ज की गई है |

 

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को. – 0238 (करण-4)

गन्ने की यह किस्म गन्ना उत्पादन तथा चीनी उत्पादन में अव्वल है | इस किस्म का विकास भारतीय कृषि अनुसंधान परियोजना–गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, करनाल से किया गया है | इस किस्म को अगेती गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है |

यह किस्म किन राज्यों के लिए है ?

गन्ने की यह किस्म भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लिए विकसित की गई है | भारत उत्तर–पश्चिम के राज्य हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी व केन्द्रीय उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा राजस्थान में उसकी खेती की जा सकती है |

गन्ने की यह किस्म कई प्रकार की जलवायु में सहनशील है | यह किस्म सूखे, जलभराव एवं लवणीय भूमि में भी बेहतर प्रदर्शन करती है |

 

इस किस्म का उत्पादन कितना है ?

गन्ने की यह किस्म उत्तर–पश्चिम क्षेत्र में बेहतर उत्पादन देती है | अखिल भारतीय समन्वय अनुसंधान परियोजना (गन्ना) के अंतर्गत इस किस्म की गन्ना की उपज 81 टन प्रति हैक्टेयर है |

चीनी उत्पादन में और किस्मों से कम है | इस किस्म की गन्ने से चीनी उत्पादन 9.95 टन प्रति हैक्टेयर है, जबकि शर्करा में 17.99 प्रतिशत है |

 

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को. – 0118 (करण-2)

गन्ने की यह किस्म ज्यादा पैदावार एवं ज्यादा चीनी उत्पादन वाली अगेती किस्म है | इसके गन्ने हरे बैंगनी रंग के मोती प्रतिशंकुकार पेरियों वाले होते हैं |

इसकी आँखें अंडाकार मध्यम अकार की होती है जो वृद्धि छल्ले को छुए हुए होते हैं | इसकी आँखे खांचा कम गहरा होता है व पत्राच्छाद पर कांटे होते हैं तथा क्लिक व पत्ती आधार के मध्य फासला नहीं पाया जाता है |

 

यह किस्म किन राज्यों के लिए है ?

गन्ने की यह किस्म भारत के उत्तर–पश्चिम राज्यों के लिए विकसित की गई है | देश के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड राज्यों में इसकी खेती की जा सकती है |

 

इस किस्म की उत्पादन कितना है ?

इस किस्म की गन्ने की उपज तथा चीनी उत्पादन अधिक है | भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के परीक्षणों में को. – 0118 किस्म ने 78.2 टन प्रति हैक्टेयर गन्ना उपज दी है |

चीनी के उत्पादन में यह किस्म 9.88 टन प्रति हैक्टेयर दर्ज करा चुका है, जबकि शर्करा उत्पादन में 18.45 प्रतिशत की मात्रा रखता है |

 

सीओएम – 0265

गन्ने की यह किस्म मध्यम देरी से पकने वाली श्रेणी में जाना जाता है | यह किस्म गन्ना तथा चीनी उत्पादन में अव्वल है तथा शर्करा की मात्रा में मध्यम दर्ज करा चुकी है | गन्ने की यह किस्म विभिन्न गुणों से भरपूर हैं | यह किस्म क्षारीय / लवणीय मिटटी में भी आसानी से उत्पादन किया जा सकता है |

 

इस किस्म किन राज्यों के लिए है ?

गन्ने की यह किस्म भारत के मध्य क्षेत्र में की जाती है | इसकी खेती महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के लिए उपयुक्त है |

 

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कोलख – 94184

गन्ने की यह किस्म अगेती उत्पादन के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है | इस किस्म के गन्ने की उत्पादन तथा चीनी का उत्पादन और किस्मों से ज्यादा है |

 

यह किस्म किन राज्यों के लिए उपयुक्त है ?

गन्ने की यह किस्म देश के उत्तर मध्य क्षेत्र के लिए विकसित की गई है | इस किस्म की खेती भारत के दो राज्य महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में की जाती है |

गन्ने की यह किस्म रोग प्रतिरोधक है | गन्ने में लगने वाली प्रमुख रोग लाल सडन रोग के प्रति सहनशील है |

 

इस किस्म की उत्पादन कितना है ?

इस किस्म के गन्ने का उत्पादन 76.0 टन प्रति हैक्टेयर है, जो इस क्षेत्र के लिए अच्छा उत्पादन माना जाता है | जबकि गन्ने से चीनी का उत्पादन 18 टन प्रति हैक्टेयर है |

 

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