मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बिक्री के लिए किसान को खुद केंद्र के चयन की सुविधा दें साथ ही किसानों को समय पर राशि का भुगतान किया जाए।
बारदाने की कहीं भी कमी न हो। उपार्जन केंद्र पर्याप्त हों। आवश्यक परिवहन व्यवस्था हो तथा भण्डारण क्षमता अच्छी रखें।
25 मार्च से शुरू होगी गेहूं खरीदी
किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश में रबी उपार्जन कार्य के लिए की गई तैयारियों संबंधी बैठक में यह निर्देश दिए।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहू लाल सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
4 हजार 223 उपार्जन केंद्र
प्रदेश में 25 मार्च से गेहूं उपार्जन शुरू होगा। संभागवार तिथियाँ निर्धारित की गईं हैं।
भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा।
जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चम्बल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन कार्य प्रारंभ होगा।
प्रदेश में 4 हजार 223 उपार्जन केंद्र कार्य करेंगे।
70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव
बारदाना व्यवस्था में करीब 3 लाख गठान की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार प्रबंध हो चुका है।
वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव है।
भण्डारण के लिए भारतीय खाद्य निगम, अधिग्रहित गोदाम, ओपन केप, सायलो बैग सभी शासकीय और अद्र्धशासकीय एजेंसियों के गोदाम उपलब्ध हैं।
25 मार्च से ही चना, मसूर तथा राई-सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन होगा। उपार्जन 31 मई 2023 तक किया जाएगा।
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