हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

6 साल में सबसे महंगा इथेनॉल, किसानों को होगा फायदा

 

कैसे और कितना होगा फायदा

 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इथेनॉल के दाम 6 साल के शिखर पर पहुंच गए है.

इन खबरों के बाद चीनी बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है.

 

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

एथेनॉल का उत्पादन वैसे तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होती है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है.

केंद्र सरकार इसे चावल और मक्के से भी बनाने की तैयारी कर रही है. इसी बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमतें 6 साल के उच्चतम स्तर 2 डॉलर प्रति गैलन के स्तर पर पहुंच गई है.

इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे घरेलू शुगर इंडस्ट्री के हालात बेहतर होंगे. किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान जल्दी हो सकती है.

 

यह भी पढ़े : किसानों के लिए खुशखबरी सरसों के भाव में फिर से आई तेजी

 

किसान और आम आदमी को होगा फायदा

केंद्र सरकार देश में इथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर लोन दे रही है. बीते कुछ महीने में कई इथेनॉल प्लांट को मंजूरी मिली है. ऐसे में एक और नौकरियां बढ़ेंगी.

वहीं, प्रोडक्शन बढ़ने से गन्ने का बकाया भुगतान भी तेजी से हो पाएगा. इथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

क्योंकि एथेनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपने कृषि बकाए को चुका सकेंगे.

 

पॉल्युशन कम करने में मिलेगी मदद

इथेनॉल मक्के, गन्ना, जूट, आलू जैसे कृषि उत्पादों के जैवभार से निर्मित एक जैव ईंधन है.

इथेनॉल मिलाने पर पेट्रोल में आक्टेन वैल्यू 2.5 प्रतिशत तथा ऑक्सीजन की क्षमता 3 प्रतिशत बढ़ जाती है.

इससे पेट्रोल इंजन में 100 प्रतिशत जलता है तथा निकलने वाला धुआं भी कम प्रदूषण करता है.

 

यह भी पढ़े : मध्‍य प्रदेश के अनेक शहरों में बदला मौसम का मिजाज

 

केंद्र सरकार ने बीते दिनों उठाएं कई अहम कदम

केंद्र सरकार ने इथेनॉल (Ethanol) को Standalone Fuel के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब तेल कंपनियों को सीधे E-100 बेचने की अनुमति मिल गई है.

 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले के बाद अब इथेनॉल को पेट्रोल-डीज़ल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

इससे पहले इसे पेट्रोल में मिलाया जाता था.मौजूदा समय में सरकार ने 2030 तक 20 फीसदी एथेनॉल पेट्रोल में मिलाने का लक्ष्य रखा है.

 

पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था. मौजूदा एथेनॉल सप्लाई वर्ष में, जो कि अक्टूबर में शुरू होता है, पेट्रोल में 8.5 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग होती है, इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 फीसदी तक किया जाएगा.

 

माना जा रहा है कि अब इथेनॉल फ्यूल पर आधारित नए व्हीकल लॉन्च होंगे. सरकार इसका प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए नए पॉलिसी लाई है.

केंद्र सरकार इथेनॉल प्लांट लगाने वाली कंपनियों को सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध करानी की योजना बना रही है. केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में 418 इथेनॉल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी.

 

यह भी पढ़े : ऋण के भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

 

source 

 

शेयर करे