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सोयाबीन के दुश्मन हैं ये कीट

 

 ऐसे पाएं छुटकारा

 

महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा होती है.

उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं. देश के लाखों किसान इसकी खेती से जुड़े है.

कई बार किसानों को इसमें लगने वाले कीट और रोग बहुत परेशान करते हैं.

 

सितंबर आते-आते सोयाबीन की फसल पकने लगती है.

जून के आखिरी सप्ताह या फिर या जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली सोयाबीन की खेती को किसान पीला सोना भी कहते हैं.

लेकिन पिछले वर्षों में सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.कभी बारिश तो कभी कीटों से फसल बर्बाद हो रही है.

बारिश तो प्रकृति के ऊपर निर्भर है, उसे रोकना अपने हाथ में नहीं है लेकिन किसान सोयाबीन में लगने वाले कीटों से फसल की सुरक्षा कर सकते हैं.

 

महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा होती है.

उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं. देश के लाखों किसान इसकी खेती से जुड़े है.

कई बार किसानों को इसमें लगने वाले कीट और रोग बहुत परेशान करते हैं.

ऐसे में भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान ने एक मोबाइल ऐप के माध्यम से कीटों को पहचानने और उनके प्रबंधन की जानकारी दी है.

तो आइये जानते हैं कि सोयाबीन में लगने वाले प्रमुख कीट कौन-कौन से हैं कि और उनसे बचाव कैसे किया जा सकता है.

 

सोयाबीन की फसलों के लिए हानिकारक कीट

नीला भृंग (ब्ल्यू बीटल )

पहचान – ये कीट गहरे चमकीले नीले रंग के होते हैं. छूने पर ऐसा लगता है कि मर गये हैं.

ये पौधे खाते हैं जिस कारण उनकी वृद्धि रुक जाती है.

प्रबंधन – ये प्रकाश की ओर भागते हैं, निशाचर होते हैं. ऐसे में खेतों के किनारे प्रकाश की उचित व्यवस्था कर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है.

या फिर क्विनालफस 25 ईसी का फसल पर 1.5 ली प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें.

 

तना मक्खी (स्टेम फ्लाय)

पहचान – ये देखने में सामान्य मक्खियों की तरह लगते हैं लेकिन आकार में थोड़े बड़े होते हैं.

रंग काला चमकीला होता है. ये पौधे के नीचे तनों में पहुंच जाते हैं जिस कारण पौधे सूखने लगते हैं.

प्रबंधन – जून के पहले सप्ताह में सोयाबीन की बुवाई ना करें, इस समय इनसे ज्यादा खतरा रहता है.

थॉयमिथॉक्सम 30 एफएस 10 ग्राम से बीजोपचार करें. बाद में क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी 150 मिलि/हेक्टेयर का छिड़काव करें.

 

सफेद सुंडी (व्हाइट ग्रब)

पहचान – गहरे कत्थई रंग ये कीट रात के समय हमला करते हैं.

उत्तर पूर्वी पहाड़ों में सोयाबीन की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन. ये पौधों के जड़ों को खाते हैं जिसकी वजह से पौधे सूख जाते हैं.

प्रबंधन – खेतों में सूखे पौधों की पक्तियों या समूह के चारों ओर एक फुट गहरी नाली खोद कर उसमें कीटनाशक डाल दें जिससे सुंडियां खेत में फैल ना सकें.

सोयाबीन फसल की कतारों के बीच क्लोरपायरीफोस का छिड़काव करें.

 

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