हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

वर्ष 2021 में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई यह योजनाएं

 

पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए योजनाएं

 

पशुधन क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान के अलावा 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों को आजीविका उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाता है।

भारत दुग्ध उत्पादक देशों में दुनिया में अग्रणी है और इस साल 8.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 19.848 टन दूध का उत्पादन किया गया है।

भारतीय दुधारू पशुओं की उत्पादकता दुनिया के ज्यादातर दुग्ध उत्पादक देशों की तुलना में कम है।

कम उत्पादकता के कारण किसानों को दुधारू पशुओं के पालन से लाभकारी आय नहीं हो रही है।

जिसे देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा देश में कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है साथ ही कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं।

 

वर्ष 2021 में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में इन योजनाओं को किया गया प्रारंभ

उत्पादकता में सुधार और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के क्रम में, किसानों के लिए दुग्ध व्यवसाय को ज्यादा लाभकारी बनाने के उद्देश्य से गोवंशियों के अनुवांशिकीय उन्नयन और स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन को 2,400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

मिशन के तहत सेक्स सॉर्टेड सीमेन, आईवीएफ तकनीक, जीनोमिक चयन आदि जैसी कई नई तकनीकों को किसानों के घर तक उपलब्ध करा दिया गया है।

 

योजना के कार्यान्वयन में राज्यों में पशु और भैंस प्रजनन इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार की जगह किसानों के घर तक कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं, आईवीएफ तकनीक और सेक्स सॉर्टेड सीमेन सहित गुणवत्तापूर्ण प्रजनन सेवाएं पहुंचाने पर जोर दिया जायेगा।

प्रस्तावित कार्यक्रम के देश में कार्यान्वयन से 2024-25 में दुग्ध उत्पादन बढ़कर 30 करोड़ मीट्रिक टन हो जाएगा, जो 2019-20 में 19.84 करोड़ मीट्रिक टन रहा था।

प्रति वर्ष प्रति मवेशी दुग्ध उत्पादन में औसतन 1,200 किग्रा की बढ़ोतरी के रूप में दुग्ध व्यवसाय से जुड़े 8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा।

योजना के तहत इन नए घटकों को किया गया शामिल :-

त्वरित नस्ल विकास कार्यक्रम के तहत दी जाएगी 5,000 रुपये की सब्सिडी

इस घटक के अंतर्गत, दुग्ध किसानों के लिए बछिया के जन्म के उद्देश्य से आईवीएफ तकनीक और सेक्स सॉर्टेड सीमेन के साथ कृत्रिम गर्भाधान का उपयोग किया जायेगा।

इस तकनीक में प्रति बच्चे स्तनपान के दौरान 4,000 किग्रा दूध उत्पादन की अनुवांशिक क्षमता के साथ सिर्फ बछिया के जन्म के माध्यम से किसानों की आय में खासी बढ़ोतरी की क्षमता है, जिससे किसानों की आय कई गुना बढ़ रही है।

त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत अगले पांच साल के दौरान 2 लाख आईवीएफ गर्भधारण होंगे।

किसानों को प्रत्येक सुनिश्चित गर्भधारण पर 5,000 रुपये की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।

 

50 प्रतिशत सब्सिडी पर की जाएगी नस्ल गुणन फार्म्स की स्थापना

इच्छुक दुग्ध किसानों के लिए एक बड़ी बाधा अपने स्थानीय क्षेत्रों से उच्च गुणवत्ता वाली बछिया या दुधारू पशुओं की खरीद में आने वाली मुश्किल है।

इस समस्या के समाधान और डेयरी क्षेत्र के लिए उद्यमशीलता सहित निवेश आकर्षित करने और डेयरी फार्मिंग के हब एंड स्पोक मॉडल के विकास के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से, न्यूनतम 200 गोवंशियों के समूह के नस्ल गुणन फॉर्म्स की स्थापना के लिए इन घटक के तहत निजी उद्यमियों को पूंजी लागत (जमीन की लागत के अलावा) पर 50 फीसदी (प्रति फॉर्म 2 करोड़ रुपये तक) तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।

 

वर्ष 2021 से की गई गोपाल रत्न पुरस्कार की शुरुआत

विभाग ने 2021 में गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू किया था और यह पशुधन व डेयरी क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है।

इस पुरस्कार का उद्देश्य सभी किसानों, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और इस क्षेत्र में काम कर रही दुग्ध सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करना है।

यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, जिनके नाम हैं – स्वदेशी मवेशी/भैंसों की नस्लों को पालन वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान; सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति।

पुरस्कार में एक श्रेष्ठता प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिह्न और हर श्रेणी में नकद धनराशि शामिल है।

 

जिसके तहत देशभर से चयनित 4 सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसानों, 3 सर्वश्रेष्ठ एआई तकनीशियनों और 3 सर्वश्रेष्ठ दुग्ध सहकारी समितियों को 26 नवंबर, 2021 को सम्मानित किया गया था।

सबसे पहली रैंक हासिल करने वाले 5 लाख रुपये दूसरी रैंक मिलने पर 3 लाख रुपये और तीसरी रैंक वाले को 2 लाख रुपये दिए गए।

 

नस्ल गुणन फार्म पोर्टल की शुरूआत

इच्छुक निजी लोगों/ उद्यमियों, एफपीओ, एसएचजी, एफसीओ, जेएलजी और धारा 8 कंपनियों से नस्ल गुणन फार्म के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के उद्देश्य से 26 नवंबर, 2021 को नस्ल गुणन फार्म पोर्टल लॉन्च किया गया।

 

डेयरी मार्क की शुरुआत

प्रधानमंत्री ने 23 दिसंबर 2021 को डेयरी मार्क लॉन्च किया, इस एकीकृत लोगो में ‘उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली-प्रक्रिया’ प्रमाणन के लिए पहले संबंधित लोगो बीआईएस-आईएसआई मार्क एवं एनडीडीबी- गुणवत्ता मार्क और कामधेनु गाय की आकृति बनी हुई है।

डेयरी मार्क के साथ हमारे उपभोक्ता दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त होंगे।

साथ ही दुग्ध उत्पादकों/ प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए पोर्टल के माध्यम से बीआईएस के लिए आवेदन करके गुणवत्ता प्रमाणन हासिल करना आसान होगा।

source

यह भी पढ़े : मक्का की खेती मे प्रमुख कीट एवं उनका नियंत्रण

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर स्ट्रॉ रीपर एवं प्लाऊ कृषि यंत्र लेने के लिए आवेदन करें

 

शेयर करे