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फल और सब्जी उगाने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाएगी यह स्कीम

 

प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाएगी यह स्कीम

 

सब्जी और मसला फसलों के लिए किसानों को देना होगा 750 रुपये प्रीमियम, फल वाली फसलों के लिए 1000 रुपये लगेंगे.

मिलेगा 40,000 रुपये तक का बीमा कवर.

 

हरियाणा सरकार ने बागवानी किसानों को खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति प्रदान की है.

इस योजना के तहत कुल 21 सब्जियों, फलों और मसाला फसलों को कवर किया जाएगा.

यह योजना प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से किसानों को बचाने का काम करेगी.

 

एक सरकारी प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना को बागवानी फसल आश्वासन योजना के रूप में तैयार किया गया है.

इसका उद्देश्य किसानों को ज्यादा जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है.

बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है.

जिनमें फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्रमण जैसे जैविक कारक और बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला, अत्यधिक तापमान जैसे प्राकृतिक कारक शामिल हैं.

 

कितने का बीमा कवर

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत किसानों को नुकसान पर सब्जी एवं मसाला फसलों की 30 हजार रुपये और फल वाली फसलों की 40 हजार रुपये की बीमा राशि मिलेगी.

सब्जी एवं मसाला फसलों के लिए केवल 2.5 प्रतिशत यानी 750 रुपये और फल वाली फसलों के लिए 1000 रुपये ही अदा करने होंगे.

मुआवजे के लिए सर्वेक्षण और नुकसान की चार श्रेणियों 25, 50, 75 और 100 प्रतिशत होंगी.

 

यह योजना वैकल्पिक होगी

प्रवक्ता ने बताया कि किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा.

मौसमवार फसल पंजीकरण की अवधि समय-समय पर निर्धारित एवं अधिसूचित की जाएगी.

यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी अर्थात फसल हानि का आकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा.

 

राज्य सरकार द्वारा इसके लिए बजट का भी प्रावधान किया जाएगा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य और जिला स्तरीय समितियां राज्य एवं जिला स्तर पर निगरानी, समीक्षा और विवादों का समाधान करेंगी.

यहां पर फसलों का अच्छा दाम न मिलने पर किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर भरपाई योजना भी चलाई जा रही है.

लेकिन इसके लिए भी किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

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