इस साल तीन महीने में ही पिछले साल के मुकाबले रिकॉर्ड 1,07,980 लाख अधिक ट्रैक्टर बिके.
किसानों की खुशहाली का परिचायक है ट्रैक्टर बिक्री में वृद्धि.
कोरोना संकट के बावजूद इस साल ट्रैक्टर इंडस्ट्री में सबसे अधिक ग्रोथ दिख रही है. इसकी बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
जनवरी से मार्च तक सभी कंपनियों के मिलाकर 2,67,500 ट्रैक्टर यूनिट बिके. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि इतने ट्रैक्टर कभी नहीं बिके.
यह 2020 के पहले तीन महीने के मुकाबले 1,59,520 यूनिट अधिक है. ट्रैक्टर की बिक्री अपने आपमें एग्रीकल्चर ग्रोथ को प्रदर्शित करती है.
क्योंकि किसान समर्थ होगा तभी वो ट्रैक्टर खरीदेगा. इकोनॉमी के लिए यह खेती के महत्व को भी दिखाता है.
किसानों की आय डबल करने के मुद्दे पर घिरी केंद्र सरकार को ट्रैक्टर बिक्री के इन आंकड़ों ने काफी राहत दे दी है.
बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी के संकेत दिए थे. इसलिए एग्रीकल्चर में मशीनीकरण बढ़ रहा है. एक्सपोर्ट में भी तेजी है.
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क्यों ज्यादा बिक रहा ट्रैक्टर ?
एग्रीकल्चर मशीनरी मेन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के टेक्निकल एडवाइजर डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बातचीत में कहा कि ट्रैक्टर एग्रीकल्चर और रूरल सब्जेक्ट है.
एग्रीकल्चर मशीनरी भी एसेंशियल आइटम है. इसकी बिक्री बता रही है कि कृषि क्षेत्र में अच्छी ग्रोथ हो रही है.
अब किसानों को उनकी फसल का पैसा डायरेक्ट उनके बैंक अकाउंट में आ रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में वृद्धि हुई है.
सरसों और कॉटन एमएसपी से अधिक रेट पर बिक रहा है.
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कितने ट्रैक्टर बिके (जनवरी से मार्च)
साल | बिक्री |
2021 | 2,67,500 |
2020 | 1,59,520 |
2019 | 1,82,455 |
2018 | 1,93,651 |
2017 | 1,18,673 |
2016 | 1,04,895 |
2015 | 97,200 |
किस काम आता है ट्रैक्टर ?
खेती करने का सबसे बड़ा आधुनिक हथियार ट्रैक्टर ही है. इसलिए खेती में जब भी अच्छा काम होगा तब इसकी बिक्री भी बढ़ेगी. किसान भाई ट्रैक्टर से जमीन को जोतकर खेती के लिए तैयार करते हैं. यह खेतों में बीज डालने, पौध लगाने, फसल लगाने, फसल काटने, ढुलाई और थ्रेसिंग सहित कई काम में आता है.
निगेटिव बात करने वालों को मिला जवाब
बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली का कहना है कि ट्रैक्टर की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री ने दिखा दिया है कि मोदी सरकार की किसान नीतियों की वजह से खेती तरक्की कर रही है.
यह कृषि क्षेत्र के लिए निगेटिव बात करने वालों को जवाब है. इसकी बिक्री बता रही है कि फसल अच्छी हुई है और किसानों को उसका अच्छा दाम भी मिल रहा है.
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