तापमान में गिरावट से बढ़ेगी ठंड
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पिछले 10 साल में दिवाली की रात MP में सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुए हैं।
मध्य प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही बारिश का दौर भी थम गया है।
लगातार दिन रात के तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर से मध्य प्रदेश में मौसम बदल सकता है।
दरअसल मध्यप्रदेश में सर्द हवा से सिहरन बढ़ने लगी है। तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मौसम बदल सकता
मौसम विभाग की माने तो एक और दो नवंबर की रात सबसे सर्द रातों में रिकॉर्ड की गई है।
जिसका न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
वहीं मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे में एक बार फिर से मौसम बदल सकते हैं।
जिसके बाद रात के साथ-साथ दिन के भी बारे में गिरावट देखी जाएगी।
दरअसल पश्चिमी विश्व का असर खत्म होने के कारण तापमान में असर दिखाई देना शुरू हो जाएगा।
न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुए
मौसम विभाग की माने तो दिल्ली के आसपास बना हुआ पश्चिमी विक्षोभ आगे गुजर गया है इसके साथ ही हरियाणा और आसपास में एक चक्रवात हवा के ऊपरी भाग का निर्माण हुआ है।
हवाओं का रूप उत्तर और उत्तर पूर्वी बने होने की वजह से उत्तर भारत की तरफ से उत्तर भारत की सर्द हवाएं मध्य प्रदेश की तरफ आ रही है।
जिससे वातावरण में सिहरन बढ़ गई है। दीपावली की रात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पिछले 10 साल में दिवाली की रात MP में सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुए हैं।
मौसम सर्द
हालांकि राजधानी भोपाल में दिन के तापमान सामान्य से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास से राजधानी भोपाल का तापमान रिकॉर्ड हुआ है।
वहीं 28 अक्टूबर को तापमान सबसे कम 28.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।
रात के तापमान में तेजी से हो रही गिरावट मौसम को सर्द बना रही है।
वहीं मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि अगले 24 घंटे में तापमान और तेजी से गिरेगा।
बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिक की माने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके सहित गोवा, कोकन, मराठवाडा सहित मध्य महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्ष्यदीप में बारिश की संभावना जताई गई है।
क्षेत्र में होने वाली हल्की बारिश की वजह से और तेज हवाएं चलने से मध्यप्रदेश के वातावरण में ठंडी घुल सकती है।
यह भी पढ़े : ये हैं प्याज की 5 सबसे उन्नत किस्में
यह भी पढ़े : गेहूं और सरसों की अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक सलाह
यह भी पढ़े : किसानो को सलाह, प्रति हैक्टेयर 100 किलोग्राम गेहूं का उपयोग बुआई में करें
शेयर करे