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गन्ना उत्पदान करने वाले किसान मई के महीने में क्या करें

 

गन्ना फसल में मई माह में किये जाने वाले कार्य

 

गन्ने का अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए यह जरुरी रहता है कि गन्ने की समय–समय पर नियमित देख-रेख की जाए |

जिससे गन्ने की फसल को सही समय पर पोषक तत्व की आपूर्ति की जा सके, साथ ही फसल में लगने वाले खरपतवार तथा कीट और रोगों को समय पर नियंत्रित किया जा सके |

इसके अतिरिक्त फसलों में कई कीट एवं रोग विशेष मौसम में लगते हैं जिनका उपाय किसान भाई समय पर ही कर सकते हैं और होने वाले आर्थिक नुकसान को कम कर सकते हैं | 

 

गन्ने की फसल हेतु मई माह में किये जाने वाले कार्य

  1. गन्ने की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा अधिक पानी देने से बचें | प्रत्येक सिंचाई के बाद निंदाई-गुडाई अवश्य करें | नाईट्रोजन की संस्तुत मात्रा से ज्यादा का प्रयोग न करें |
  2. लाल सडन :- नई निकलने वाली पत्ती पीली पड़ने लगती है तथा पृष्ठ भाग के मध्य शिरा पर काले धब्बे दिखाई देने लगेंगे | आगामी 10-15 दिनों में ग्रसित पौधा सूखने लगता है |
  3. कंडुआ :- गन्ने के सिरे पर काली चाबुक जैसी संरचना दिखाई देने लगती है |
  4. पर्णदाह :- नवजनित पत्तियों में मध्य शिरा के समानांतर सफेद धारियां दिखाई देंगी, पत्तियां बाद में सूखने लगेंगी |
  5. घासी प्ररोह :- पौधा घास जैसा दिखाई देगा एवं सभी पत्तियां सफेद हो जाती हैं |

 

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मई के प्रथम सप्ताह में खेत में पायरिला दिखाई देने लगेगा | इसके नियंत्रण के लिए निचली पत्तियों के पृष्ठ भाग में धवन सफेद अंड समूह दिखाई देंगे |

ऐसी पत्तियों को काटकर किसान भाई नष्ट कर दें | इसी माह पेडी फसल में काला चिकता (ब्लैक बग) का प्रकोप होता है | इससे फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगती है |

ऐसी अवस्था में 3 प्रतिशत यूरिया एवं क्लोरोपाइफाँस एक लीटर सक्रिय तत्व को 1,600 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों की गोफ में डालें |

 

गेहूं की कटाई के बाद गन्ने की बुआई

गर्मी में गेहूं कटाई के बाद ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुआई शीघ्रतिशीघ्र कर दें | इसके लिए पंक्तियों की दुरी घटाकर 60 से.मी. अथवा 90:30 से.मी. की दोहरी पंक्तियों में बुआई करें |

देर से बुआई की दशा में फसल को ब्यांत हेतु कम समय मिल पाता है | अत: इसके लिए संस्तुत प्रजातियों की ही बुआई करें |

गन्ने के अधिक व त्वरित जमाव के लिए गन्ना बीज के टुकड़ों को पानी में 4–6 घंटे तक डुबोकर बुआई करें |बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना अति आवश्यक है | बुआई के बाद पाटा आवश्य लगाएं |

पेडी गन्ने में अधिक ब्यांत की अवस्था में गन्ने की पंक्तियों में मिट्टी चढ़ाना आवश्यक है | मिट्टी ,ट्रैक्टर चालित यंत्रों से भी चढाई जा सकती है |

 

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