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एमपी में पीएम फसल बीमा योजना के नियमों में हुआ बदलाव

फसल बीमा के नियमों में बदलाव

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों में बदलाव हुआ है, नए नियमों के मुताबिक किसानों को बीमा करवाना होगा तभी उन्हें फसल बीमा का लाभ मिल पाएगा।

 

मध्यप्रदेश में फसल बीमा के नियमों में बदलाव हुआ है नए नियम के मुताबिक बीमा कराने के पश्चात पंजीयन का मिलान खसरे से कराना अनिवार्य रहेगा यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई गई है कि बीमा राशि मिलने में किसानों को परेशानी हो रही थी।

गौरतलब है कि प्रदेश में खरीफ फसलों के बीमा कराए जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित है।

फसल बीमा कराए जाने के पश्चात जमीन के खसरे से पंजीयन से मिलान कराया जाएगा।

यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई जा रही है, ताकि प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर किसानों को बीमा राशि मिलने में कोई परेशानी न हो।

अभी किसान एक खसरे पर दो बैंकों से बीमा करा लेते हैं। इसकी वजह से बीमा मिलने में परेशानी होती है।

इन कारणों को ध्यान में रखते हुए यह विधि अपनाई जाएगी।

 

खसरे से पंजीयन का मिलान होगा

PM किसान फसल बीमा योजना के New Rules के संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर किसानों को बीमा प्राप्त करने में परेशानी न हो, इसके लिए इस बार खसरों से पंजीयन का मिलान कराया जाएगा।

इसके लिए राजस्व विभाग के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा किया जाएगा।

इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि, किसी किसान ने एक खसरे पर दो बैंकों से बीमा तो नहीं कराया है।

इन कारणों को ध्यान में रखते हुए खसरों से पंजीयन का मिलान करवाने की यह विधि अपनाई जाएगी।

 

इसलिए उठाया गया यह कदम

पिछले साल की तरह इस बार भी शिकायतें सामने आई थीं।

कुछ किसानों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में फसल बीमा करवाने के बाद भी बीमा की राशि नहीं मिलने की शिकायत भी की थी।

जब कृषि विभाग ने जांच कराई तो सामने आया कि किसान ने एक ही खसरे पर दो बैंकों से बीमा कराया है।

एक बैंक से बीमा की राशि भी मिल गई और दूसरे बैंक से राशि नहीं मिलने के कारण शिकायत की गई।

जबकि, नियमों के अनुसार किसान फसल का बीमा एक ही बैंक से कराया जा सकता है।

 

बीमा होने की सूचना SMS से दी जाएगी

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने बताया कि, किसानों को बीमा होने की सूचना SMS के माध्यम से पंजीयन की अंतिम तिथि के 15 दिन के भीतर दी जाएगी।

वहीं दूसरी ओर, किसानों को बीमा कराने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से भी किसानों को सूचित किया जा रहा है।

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