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15 एकड़ में सहजन के पेड़ लगाकर इतने वर्ष में हुई करोड़ों की आमदनी

 

सहजन की खेती के लिए सामान्य तापमान होना चाहिए.

 

इसके लिए तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इसे अप्रैल-मई में लगाया जाता है ताकि दिसंबर जनवरी के महीने सहजननिकलना शुरु हो जाए.

 

सहजन की खेती अधिक कमाई करने का एक बेहतर विकल्प है. इसके जरिये किसानों हर महीने लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं.

दूसरी खेती की तरह इसमें हर बार खेत तैयार करने का झंझट भी  नहीं और ना ही बार बार बीज लगाने की जरूरत होती है.

सहजन का बीज लगाने के बाद चार साल तक इससे कमाई कर सकते हैं.

 

देश के अधिकांश राज्यों में सहजन की खेती होती है.  इसमें कई तरह के मल्टी विटामिन, प्रोटीन, एमीनो एसिड्स मौजूद होते हैं.

देश में पिछले कुछ सालों से हेल्थ सप्लीमेंट्स (Health supplements) के रूप में इसकी डिमांड बढ़ी है.

इसका इस्तेमाल कई प्रकार  के व्यंजनों में किया जाता है. इसे अंग्रेजी में ड्रम स्टिक भी कहते हैं.

 

गुजरात के शोलापुर के किसान संदीप कदम भी सहजन की खेती करते हुए लाखों कमा रहे हैं.

सहजन लगाने के पांच महीने बाद ही  फल देना शुरु कर देते हैं. इसके अलावा इसके पत्तियों से भी कई तरह के उत्पाद तैयार किये जाते हैं.

मुख्य रुप से यह गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर इसकी खती होती है.

 

शहजन की खेती के लिए तापमान

शहजन की खेती के लिए तापमान्य सामान्य होना चाहिए. इसके लिए तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. 

इसे अप्रैल मई में लगाया जाता है ताकि दिसंबर जनवरी के महीने शहजन निकलना शुरु हो जाए.

शहजन के पौधे की उम्र 10 साल से अधिक की होती है. शहजन के अच्छे नस्ल पीकेएम एक और दो है.

कमर्शियल तरीके खेती करने पर इसका फायदा होगा.

 

बीज से होगी बेहतर उपज

मगहाराष्ट्र के किसान ने कहा कि सहजन इसकी लकड़ी से बेहतर बीज डालने से होगा. बीज लगाने से फसल अच्छी होती है.

इसके अलावा जहां पर पौधा बढ़ता है वहीं पर जड़ को भी हमेशा होने चाहिए.

 

पौधा लगाने की विधी

सहजन की खेती करना बिल्कुल ही आसान है. इसे हमेशा लाइन में लगाना चाहिए.

दो पौधों के बीच पांच फीट की दूरी और दो लाइन के बीच 12 फीट की दूरी होना चाहिए.

एक एकड़ में बीज लगाने के लिए 500 से 600 ग्राम बीज लगता है. एक एकड़ में लगभग 750 से 800 बीज लगते हैं.

पहले इनमें गोबर देने की आवश्यकता नहीं होती है. हां इसके ग्रोथ से लिए यूरया. डीएपी जरूरी है.

पौधा जब बड़ा हो जाए तो उसमें गोबर डाल सकते गैं. इसे अधिक सिंचाई की भी जरूत नहीं होती है.

 

सहजन के फल का आकार

सहजन लगान के बाद हर पांच महीने में इसकी हार्वेस्टिंग कर सकते हैं. इसकी एक फली की लंबाई 12 से 13 एमएम की होती है.

एक फली का वजन 80 ग्राम तक होता है. इसका फूल छह दिन तक पेड़ में रहता है.

फूल नहीं झड़े और पत्तों में कीड़ नहीं लगे इसलिए समय समय पर इसमें फंगीसाइड का छिड़काव करते रहना चाहिए.

 

बीज निकालने की प्रक्रिया

बीज के प्लॉट का मैनेजमेंट अलग होता है. यहां पर सिंचाई भी अलग तरीके से होती है.

अमूमन जो पुराने पेड़ होते हैं उससे उससे बीज निकाली जाती है. इसके लिए फली को साढ़े तीन महीने तक पेड़ में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है.

फिर इससे बीज निकाला जाता है. बीज को अच्छे से सूखाकर सल्फर और नीम ऑयल का स्प्रे किया जाता है.

इसके बाद बेचने के लिए बाजार में भेज दिया जाता है.

 

उत्पादन और कमाई

एक एकड़ सहजन की खेती में पहले साल में 12 से 13 टन माल निकलता है. इसके बाद दूसरे तीसरे साल में उत्पादन बढ़ता है जो 16-17 टन तक जाता है.

इसके मुताबिक एक एकड़ सहजन की खेती में पहले साल में ही तीन लाख रुपये की कमाई होती है.

जबकि पूरे साल में एक एकड़ का खर्च 25 से 30 हजार रुपये की लागत आती है.

 

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