कमाई से हो जाएंगे मालामाल
किसी फसल से उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें खाली खेत में रोपाई या बुवाई करनी पड़ती है.
लेकिन कुछ ऐसे लतेदार पौधें भी हैं, जिनकी रोपाई के लिए आपको खाली खेत की जरूरत नहीं पड़ेगी.
किसी फसल से उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें खाली खेत में रोपाई या बुवाई करनी पड़ती है.
लेकिन कुछ ऐसे लतेदार पौधें भी हैं, जिनकी रोपाई के लिए आपको खाली खेत की जरूरत नहीं पड़ेगी.
आप इन पौधों को ऐसे खेत में भी लगा सकते हैं, जिसमें आपका बगीचा हो.
अगर आप बागवानी करते हैं तो यह फसल आपके लिए कमाल की है क्योंकि आप अपने बगीचे में इस पौधे को लगाकर एक एकड़ में तीन लाख रुपए आसानी से कमा सकते हैं.
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हम जिस पौधे के बारे में बात कर रहे हैं, उसका नाम है कौंच.
झाड़ीनुमा पौधा कौंच की पहले भारत में खेती नहीं होती थी, लेकिन बीते 10-15 सालों में किसानों ने इसकी व्यावसायिक खेती करनी शुरू कर दी है.
मांग और कम लागत में अधिक आय के कारण किसान अब इसकी तरफ रुख कर रहे हैं.
ऐसा नहीं है कि कौंच की खेती वहीं कर सकते हैं, जिनके पास बगीचा हो. आप नेट यानी जाल लगाकर भी इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
बगीचे में लगाने से होता है यह फायदा
दरअसल, कौंच के बढ़ने के लिए सहारा की जरूरत होती है. अगर सहारा के लिए कुछ न हो तो यह जमीन पर फैल जाता है और पैदावार काफी कम मात्रा में पात्र होती है.
यहीं कारण है कि कृषि वैज्ञानिक इसे बगीचे में लगाने की सलाह देते हैं. इससे आपको जाल के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा और खेत में कोई और फसल लगाकर आप आय बढ़ा लेंगे.
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कौंच की व्यावसायिक खेती कर रहे किसान बताते हैं कि बारिश से पहले इसकी खेती कर लेनी चाहिए.
15 जून से लेकर 15 जूलाई तक का समय इसकी बुवाई के लिए उपुयक्त माना जाता है. कौंच की खेती में किसानों को अधिक मेहनत भी नहीं लगती है.
अगर बगीचे में लगा रहे हैं तो बागवानी करते समय इसकी भी देख भाल हो जाती है. अगल से समय देने की जरूरत नहीं पड़ती.
फली के रूप में लगता है फल
कौंच एक वर्षीय लता है यानी बुवाई से लेकर फली उत्पादन तक एक साल का समय लगता है. इसमें फल, फली के रूप में लगते हैं.
फली तीन से पांच के गुच्छों में होती है और यह उल्टे आकार में मुड़ी रहती है. ये दो से चार इंच लंबी और एक इंच चौड़ी होती है.
यह खाकी चमकीले रंग की और धारीदार होती है. कौंच मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात और राजस्थान में पाया जाता है.
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