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किसान इस तरह करें अरहर, मक्का, सोयाबीन एवं कपास में खरपतवारों का नियंत्रण

फसलों में खरपतवारों का नियंत्रण

 

खरीफ फसलों में नमी या पानी अधिक रहने के कारण खरपतवारों का प्रकोप ज्यादा होता है।

इससे पौधों के विकास के साथ ही पैदावार पर सीधे असर पड़ता है।

खरपतवारों की संख्या अधिक रहने से कीटों का प्रकोप होने की संभावना भी अधिक रहती है।

देश भर में फसलों का कुल नुकसान का 45 प्रतिशत खरपतवार से होता है, इसलिए समय पर खरपतवारों का नियंत्रण जरुरी रहता है, ताकि नुकसान से बचाया जा सके।

 

खरीफ फसलों में पाए जाने वाले खरपतवार

वर्षा आधारित उपजाऊ भूमि में प्रायः एकवर्षीय एवं बहुवर्षीय खरपतवार अधिक उगते हैं, जबकि निचली भूमि में एकवर्षीय घासें, मोथावर्गीय एवं चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार पाए जाते हैं। 

खरीफ फसलों में मुख्यतः तीन तरह के खरपतवार पाए जाते हैं:-

  • चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार :- ये दो बीज पत्रीय पौधे होते हैं, इनकी पत्तियां प्राय: चौड़ी होती है। जैसे – सफेद मुर्ग, कनकौवा, जंगली जूट, जंगली तम्बाकू आदि।
  • संकरी पत्ती वाले खरपतवार :- इनको घास कुल के खरपतवार भी कहते हैं, इस कुल के खरपतवारों की पत्तियां पतली एवं लंबी होती है। जैसे – सांवां, दूब घास आदि।
  • मोथावर्गीय खरपतवार :- इस कुल के खरपतवारों की पत्तियां लंबी एवं तना तीन किनारों वाला ठोस होता है। जड़ों में गांठे पाई जाती है, जैसे मोथा।

 

किस समय करें खरपतवारों का नियंत्रण

फसलों में खरपतवारों से हानि खरपतवारों की संख्या, किस्म और फसल से प्रतिस्पर्धा के समय पर निर्भर करती है।

वार्षिक फसलों में यदि खरपतवार बुआई के 15–30 दिनों के अंदर निकाल दिए जाएं, तो उपज पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता।

बुआई के 30 दिनों से अधिक समय होने के बाद अगर खरपतवारों को नष्ट करते हैं, तो उपज में कमी आती है।

अत: क्रांतिक अवस्था पर ही फसल को खरपतवारों से मुक्त रखना आर्थिक दृष्टि से लाभदायक होता है तथा इससे फसल का उत्पादन अधिक प्रभावित नहीं होता है|

 

मक्का फसल में खरपतवार नियंत्रण 

  • एट्राजिन 1000 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद चौड़ी और संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए।
  • हेलोसल्फ्यूराँन 60–80 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 20–25 दिनों बाद मोथावर्गीय खरपतवारों के नियंत्रण के लिए।
  • टोपरेमेजोन 25–33 दिनों बाद चौड़ी पत्ती और संकरी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए।
  • टेम्बोट्रीवोन 120 किलोग्राम/हैक्टेयर बुआई के 15–20 दिनों बाद चौड़ी, संकरी पत्ती वाले और मोथावर्गीय खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।
  • टोपरेमेजोन + एट्राजिन 25.2 + 500 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के लिए 15–20 दिनों बाद चौड़ी पत्ती वाले और मोथावर्गीय खरपतवारों की रोकथाम के लिए।
  • टेम्बोट्रीवोन + एट्राजिन 120 + 500 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 15–20 दिनों बाद चौड़ी पत्ती, संकरी पत्ती और मोथावर्गीय खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।

 

अरहर फसल में खरपतवार नियंत्रण

  • पेंडीमेथालिन (स्टाँम्प एक्स्ट्रा 38.7 प्रतिशत) 700 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद संकरी पत्ती वाले और कुछ चौड़े वाले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।
  • क्विजालोफाँप – इथाइल 50 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 15–20 दिनों बाद संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए विशेष प्रभावी।
  • इमाजेथापायर 100 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 15–20 दिनों बाद चौड़ी और कुछ संकरी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए।

 

सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण
  • मेट्रीब्युजिन 350–525 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद चौड़ी और कुछ संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए।
  • आँक्सडाइजोन 500 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद कुछ संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।
  • इमाजेथापायर 100 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 20–25 दिनों बाद चौड़े और कुछ संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए।
  • फिनोक्साप्रोप 80–100 ग्राम/हैक्टेयर या क्यूजलोफाँप 50 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 20–25 दिनों बाद संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।
  • क्विजालोफाँप–इथाइल 50 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 20–25 दिनों बाद संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए विशेष प्रभावी।

 

कपास फसल में खरपतवार नियंत्रण
  • एलाक्लोर 2000 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद संकरी और कुछ चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए।
  • ब्यूटाक्लोर 1000 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–3 दिनों बाद संकरी और कुछ चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए।
  • डाययूराँन 750 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 0–5 दिनों बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए।
  • पायरीथिओबेक सोडियम 75 ग्राम/हैक्टेयर 20–25 दिनों बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए।
  • क्विजालोफाँप – इथाइल 50 ग्राम/हैक्टेयर बुआई के 20–25 दिनों बाद संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए विशेष प्रभावी।

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