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जुलाई में किसान करें इन फसलों की खेती

मिलेगा जमकर मुनाफा

 

भारत में खेती को आज भी मानसून का जुआ कहते हैं. ऐसे में किसान भाई मानसून के दस्तक देने से खरीफ फसलों की बुवाई में जुट गए हैं.

 

मानसून दस्तक दे चुका है और हमारे किसान भाई खरीफ की फसलों की बुवाई की शुरुआत कर चुके हैं.

किसान भाइयों की सोच यही होती है के आखिर ऐसी कौन सी फसलों की बुवाई की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो.

भारत में खेती को आज भी मानसून का जुआ कहा जाता है. ऐसे में अतिरिक्त सावधानी बरतना भी बहुत जरुरी हो जाता है.

हमारे किसानों को आजकल सिंचाई की समस्या से लेकर जलवायु संकट तक से गुजरना पड़ता है.

इसीलिए योजनाबद्ध तरीके से बुवाई करना बहुत जरूरी है.

 

जून-जुलाई में करें किन फसलों का उत्पादन

आज हम किसान भाइयों को उन फसलों के बारे में बताएंगे जिन के उत्पादन से वे लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं-

 

धान व मक्का की खेती

जून के महीने में धान की खेती को लेकर सारी पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए.

धान की खेती के लिए सिंचाई की बहुत ज्यादा जरुरत  होती है इसीलिए इसकी व्यवस्था रखना बहुत जरुरत है.

वहीं, मक्का भी इस मौसम की प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई भी प्राथमिकता से की जानी चाहिए.

 

अरहर की बुवाई

जून – जुलाई के महीने में अरहर की बुवाई भी किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है.

इस समय होने वाली बरसात सिंचाई की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, उत्पादन बढ़ाने की दृष्टि से भी उपयोगी है.

किन सब्जियों की करें बुवाई

जून के महीने में टमाटर, मिर्ची, अगेती फूलगोभी, बैंगन इत्यादि की खेती करना लाभदायक रहेगा.

भिंडी के लिए भी यह समय बिल्कुल ठीक है. इसी महीने में लौकी, खीरे, गलगल तुरई, करेले और टिंडे की बुवाई की जा सकती है.

 

टमाटर की खेती

आजकल पॉलीहाउस तकनीक का चलन है और यही कारण है कि टमाटर किसी मौसम विशेष की फसल नहीं रह गई है.

और इसकी खेती 12 महीने होती है यानी इसे वर्ष के किसी भी महीने में शुरू किया जा सकता है.

यदि टमाटर के लिए सबसे उपयुक्त मौसम की बात की जाए तो वह गर्मी का ही है.

 

बैंगन और मिर्च की खेती

जून जुलाई के महीने में बैंगन की खेती भी मुनाफा देने वाली सिद्ध हो सकती है क्योंकि यह गर्म मौसम की फसल है.

मिर्च भी इस माह में उगाई जा सकती है क्योंकि इसकी मांग बारह महीने बनी रहती है जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने की संभावना बनी रहती है.

 

कद्दू, खीरे और लौकी की खेती

कद्दू, खीरा और लौकी की मांग कोरोनाकाल और उसके बाद बहुत ज्यादा बढ़ी है.

ये फसलें गर्मियों में बहुत अच्छी तरह से विकसित होती है और बरसात इनके लिए अमृत के समान होती है.

ये कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसलें हैं. इनका उत्पादन करके किसान अपनी लागत की तुलना में कहीं ज्यादा मुनाफा बटोर सकते हैं.

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