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इस पेड़ की खेती कर देगी किसानो को मालामाल

करोड़ों में पहुंच जाएगा किसानों का मुनाफा

 

सफेदा की लकड़ियों का सबसे ज्यादा उपयोग फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है.

हालांकि, सरकार सफेदा की खेती को लेकर अपनी तरफ से प्रोत्साहित नहीं करती है.

सरकार की तरफ से सफेदा की खेती करने का फैसला किसानों के ऊपर छोड़ दिया गया है.

 

सफेदा की लकड़ियों का सबसे ज्यादा उपयोग फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है.

हालांकि, सरकार सफेदा की खेती को लेकर अपनी तरफ से प्रोत्साहित नहीं करती है, लेकिन उसकी तरफ से किसानों को इसकी खेती करने से रोका नहीं जाता है.

 

खास जलवायु की जरूरत भी नहीं

सरकार की तरफ से सफेदा की खेती करने का फैसला किसानों के ऊपर छोड़ दिया गया है.

इसकी खेती करने के लिए किसी खास जलवायु की जरूरत भी नहीं पड़ती है. इसे किसी भी तरह के मौसम में उगाया जा सकता है.

इसकी लकड़ियों पर पानी का खास असर नहीं पड़ता है.

यही वजह है कि सफेदा की लकड़ियां जल्दी खराब नहीं होती और ये लोगों की पहली पसंद बनी रती है.

 

5 सालों में ही शुरू कर सकते हैं कटाई

सफेदा का  पेड़ केवल 5 सालों में अच्छी तरह से विकास कर लेता है, जिसके बाद इसे काटा जा सकता है.

लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए विशेषज्ञ इसकी कटाई 10 से 12 सालों में करने की सलाह देते हैं.

जितना पुराना पेड़ होगा, मुनाफा ही उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा.

 

एक हेक्टेयर में लगाएं 3 हजार पौधे

एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.

इस पौधे की नर्सरी से बहुत ही आसानी से 7 या 8 रुपए में ही मिल जाते हैं.

इसकी देख-रेख और सिंचाई में सब मिलाकर 30 से 40 हजार रुपये सालाना खर्चे आते हैं.

 

मिलेगा बंपर मुनाफा

बता दें कि एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है. 

बाज़ार में यूकलिप्टस की लकड़ी 6 से 9 रुपए प्रति एक किलो के भाव से बिकती है.

ऐसे में अगर हम एक हेक्टेयर में तीन हजार पेड़ लगाते हैं. तो आसानी से एक करोड़ रुपये तक कमा सकते हैं.

ऐसे में किसान सिर्फ 5 से 8 सालों में करोड़ों की कमाई कर सकता है.

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