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किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार का बेहतर प्रयास

 

ई-नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को उनकी आय दोगुना करने का  सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

मोदी सरकार की ई-नाम योजना के तहत किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर इस योजना में शामिल हो सकते हैं।

ई-नाम पोर्टल रजिस्ट्रेशन के बाद किसान ऑनलाइन मंडी से जुड़ जाएंगे और अपनी फसलों को ऊंचे दामों पर बेच सकते हैं।

इस योजना से किसानों की वर्तमान आय में करीब दो गुना तक इजाफा हो सकता है। देश में अब तक पौने दो करोड़ से अधिक किसान ई-नाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा कर ऑनलाइन मंडी से जुड़ चुके हैं।

यह सिलसिला जारी है,इसलिए किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और आज ही ई-नाम पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं।

आइए, जानते हैं क्या है ई-नाम योजना और इसके क्या-क्या लाभ किसानों को मिलते हैं? 

 

क्या है ई-नाम योजना 

किसानों के लिए जानकारी के लिए बता दें कि ई-नाम स्कीम का पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार है। यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रिॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है।

इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को की थी।

सरकार ने इसे कृषि उत्पादों के लिए वन नेशन वन मार्केट के लिए निर्माण के उद्देश्य से किया था। कृषि बाजार को मजबूत बनाने के लिए इसकी शुरूआत हुई थी।

इसके तहत किसान अपने नजदीकी बाजार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं। वहीं मंडी व्यापारी भी कहीं से भी किसानों को पैसा भेज सकते हैं।

किसानों के लिए अपनी फसल को ऑनलाइन बेचने का इससे अच्छाऔर ऑफर नहीं हो सकता।

देश में करीब 2,700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप बाजार हैं। इस नई योजना से मंडी व्यापार बहुत आसान हो जाएगा।

अब अपने जिले तक की मंडियों में ही नहीं देश की किसी भी मंडी में किसान अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।

 

ई-नाम मंडी स्कीम से जुडऩे में हैं कई फायदे 

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना की थी।

इसके जरिए देश के सभी किसानों को ऑनलाइन मंडी में अपनी फसल बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। ऑनलाइन मंडी वर्तमान में बेहतर तरीके से चल रही है।

ई-नाम स्कीम से जुडऩे वाले किसानों को इंतजार की जरूरत नहीं है वे जब चाहें तब ऑनलाइन इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम इस मंडी में मिल जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही ई-नाम के एक लाभार्थी से बातचीत भी की।

इसमें  इस लाभार्थी ने ई-नाम मंडी योजना से जुडऩे के फायदे गिनाए।

किसान लोग व्यापारियों के साथ मिल कर भी ऑनलाइन इस योजना से जुड़ सकते हैं। 

 

देश की 585 मंडियां ई-नाम योजना से जुड़ीं

बता दें कि सरकार देश की सभी मंडियों को ई-नाम स्कीम से जोडऩे का प्रयास कर रही है।

अब तक इस योजना से देश की 585 कृषि उपज मंडियां जुड़ चुकी हैं। अगले साल 2022 तक सरकार इस योजना से 215 और मंडियों को जोड़ रही है।

कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा है कि ई-नाम प्लेटफार्म कृषि व्यापार में एक अनूठी पहल है।

इसके माध्यम से किसानों की पहुंच कई बाजारों और खरीददारों तक होती है। इसके साथ ही लेन-देन की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाता है।

यह प्लेटफार्म वर्तमान में खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ई-नाम पर किया जाता है।

आरंभ में 25 कृषि जिंसों के लिए मानक मापदंड विकसित किए गए थे।

ई-नाम ट्रेडिंग पोर्टल एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से  जोड़ता है।

किसान भाई ई-नाम योजना के तहत इसके पोर्टल  enam.gov.in पर पंजीकरण कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 

क्या है ई-नाम योजना में आवेदन का तरीका 

बता दें कि ई-नाम योजना से जुडऩे के लिए सबसे पहले आपको सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ जाना होगा।

यहां रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके बाद आप अपना कारोबार शुरू कर पाएंगे।

 

मौसम के पूर्वानुमान के लिए नए मॉड्यूल किए लांच 

किसानों की सुविधा के लिए ई-नाम पर मंडी जानकारी पृष्ठ, ई-नाम प्लेटफार्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना एकीकरण एवं सहकारी मॉडल लांच किए।

इस तरह मौसम के पूर्वानुमान से किसानों को कटाई आदि करने सहित फसल को तैयार करने, इसके विपणन आदि के लिए ई-नाम निर्देशिका भी लांच की गई है जो संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके हितधारकों की मदद करेगी।

 

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