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सोयाबीन की कीमत में भारी उछाल

 

सरसों से 25 रुपए किलो हुआ महंगा

 

डीओसी का भाव भी 9000 के ऊपर पहुंचा

 

बहुत ही कम मौके ऐसे आए हैं जब सरसों दाना का भाव सोयाबीन से नीचे हुआ हो.

सरसों फिलहाल सोयाबीन से 25 रुपए किलो नीचे चल रहा है.

आम तौर पर इसकी कीमत सोयाबीन से पांच से 10 रुपए किलो अधिक ही रहती है.

 

सरसों दाना का भाव सोयाबीन से लगभग 25 रुपए किलो नीचे हो गया है.

इंदौर के एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन दाना के भाव में भारी बढ़त होने की वजह से छह प्रतिशत पर ऊपरी सर्किट लगाना पड़ा.

यहां एक्सचेंज में सोयाबीन के अगस्त अनुबंध का भाव गुरुवार को 9,518 रुपए क्विंटल बोला गया था जो शुक्रवार को बढ़कर 10,089 रुपए क्विंटल बोला गया.

 

भारतीय पॉल्ट्री संघ ने देश में सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की कमी को देखते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि नवंबर तक इसका निर्यात हतोत्साहित किया जाए और विदेशों से डीओसी के आयात कराया जाए.

ज्ञात हो कि इस बार पिछले साल के मुकाबले डीओसी का लगभग 300 प्रतिशत अधिक निर्यात हुआ है, जिससे देश में डीओसी की कमी हुई है.

डीओसी का भाव पिछले साल के 3200 रुपए क्विंटल से बढ कर इस समय 9200 रुपए (कोटा) से लेकर 9600 रुपए (छत्तीसगढ) तक पहुंच गया है.

 

हमेशा सोयाबीन से अधिक रहता है सरसों का दाम

उन्होंने कहा कि बहुत ही कम मौके ऐसे आए हैं जब सरसों दाना का भाव सोयाबीन से नीचे हुआ हो.

सरसों फिलहाल सोयाबीन से 25 रुपए किलो नीचे चल रहा है. आम तौर पर इसकी कीमत सोयाबीन से पांच से 10 रुपए किलो अधिक ही रहती है.

सोयाबीन की इस समय देश में कमी है और करीब 70 प्रतिशत सोयाबीन-प्रसंस्करण इकाइयां कच्चा माल न होने के कारण कम बंद नहीं कर पा रही है.

 

उन्होंने कहा कि सरकार को तेल तिलहनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि खाद्य-तेल के मामले में 70 प्रतिशत आयात-निर्भरता है और सालना एक लाख करोड़ रुपए से अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करते है.

 

सरसों की मांग भी बरकरार

उन्होंने कहा कि देश की मंडियों में सरसों की कम आवक होने के साथ साथ त्योहारी मांग के कारण इसकी काफी मांग है.

किसानों और थोड़ा बहुत तेल मिलों के अलावा और किसी के पास सरसों नहीं है.

इस बढ़ती मांग के कारण सरसों दाना (तिलहन) और सरसों दादरी तेल के भाव सुधार प्रदर्शित करते बंद हुए जबकि सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे.

उन्होंने कहा कि सरसों की अगली फसल आने में लगभग सात महीने हैं और आगामी त्योहारों के देखते हुए सहकारी संस्था, हाफेड को बाजार भाव पर अभी सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिए.

 

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे

सरसों तिलहन – 7,750 – 7,800 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए.

सरसों तेल दादरी- 15,500 रुपए प्रति क्विंटल.

सरसों पक्की घानी- 2,520 -2,570 रुपए प्रति टिन.

सरसों कच्ची घानी- 2,605 – 2,715 रुपए प्रति टिन.

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,150 रुपए.

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,050 रुपए.

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,780 रुपए.

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,760 रुपए.

सोयाबीन दाना- 10,000 – 10,025 रुपए.

सोयाबीन लूज- 9,700 – 9,800 रुपए.

 

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