घर बैठे आप भी तैयार कर सकते हैं सोया मिल्क
हाथों हाथ हो जाएगी बिक्री
प्लांट में हर दूसरे दिन लगभग 70 लीटर सोया दूध का उत्पादन होता है.
प्लांट में 10 किलो टोफू भी तैयार होता है. बाजार में एक लीटर सोया दूध की कीमत 40 रुपये, जबकि एक किलो टोफू 150-200 रुपये बिक रहा है.
सोयाबीन के बारे में आप सब जानते हैं. खाने में इसका खूब उपयोग होता है. इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, इसलिए लोग इसे चाव से खाना पसंद करते हैं.
देश में सोयाबीन की अच्छी खेती होती है और कारोबार भी बढ़िया देखा जाता है. इसकी खेती करने वाले किसान लगभग हमेशा फायदे में रहते हैं क्योंकि मांग के अनुसार आपूर्ति में अंतर देखा जाता है. अ
भी सोयाबीन की कीमत बाजार में 6800 रुपये प्रति क्विंटल की रेट पर चल रही है. ये तो हुई सोयाबीन की बात. लेकिन क्या आपको पता है कि सोया मिल्क से भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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जैसा कि नाम से स्पष्ट है, सोया मिल्क मतलब वह दूध जो सोयाबीन से तैयार होता है. इस दूध की मांग बहुत ज्यादा है और वर्जिश करने वाले लोग इसे खूब इस्तेमाल करते हैं.
जिन्हें हाई प्रोटीन डाइट की जरूरत होती है, वे इसका खूब उपयोग करते हैं. यहां भी मांग और सप्लाई में अंतर है. मांग दिनोंदिन बढ़ रही है, लेकिन सप्लाई उस हिसाब का नहीं है.
अगर किसान सोया मिल्क बनाने का काम शुरू करें तो भविष्य में अच्छी कमाई पा सकते हैं. इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है. कुछ खास पद्धतियां हैं जिनकी बदौलत सोया मिल्क बनाकर अच्छी कमाई की जा सकती है.
क्या होता है सोया मिल्क…..?
सोया मिल्क या दूध मुख्य रूप से सोयाबीन का रस होता है. सोयाबीन को निचोड़ कर उससे दूध निकाला जाता है.
इस दूध को तैयार करने के लिए सबसे पहले सोयाबीन का अच्छे दाने छांटे जाते हैं और फिर उन्हें पानी में मिला देते हैं.
इसके बाद उस पानी में लिपोऑक्सीनेज और ट्रिप्सिन अवरोधकों को निष्क्रिय करने के लिए सोया मिले पानी को पकाया जाता है.
पानी मिला सोया पकने के बाद दूध के रूप में तैयार हो जाता है. अब इसे पैकेजिंग करके बाजार में बेच दिया जाता है.
कहां होता है व्यावसायिक उत्पादन
देश में सोया मिल्क के कई प्लांट हैं जहां इसका व्यावसायिक उत्पादन होता है.
भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान और दिल्ली में मैसर्स रॉयल प्लांट सर्विसेज ने मिलकर एक सोया मिल्क का ऑटोमेटिक प्लांट तैयार किया है.
यह ऐसा प्लांट है जो एक घंटे में 100 लीटर दूध तैयाकर कर सकता है. इस प्लांट में सोया की फली भरने और पिसाई करने वाली यूनिट लगी है.
इसके साथ ही स्टोरेज टैंक और बॉयलर यूनिट भी लगाई गई है. प्लांट में कुकर, सेपरेटर, न्यूमेटिक टोफू प्रेस और कंट्रोल पैनल लगे होते हैं.
इस प्लांट के ग्राइंडिंग सिस्टम में टॉप हॉपर, फीडर कंट्रोल प्लेट, बॉटम हॉपर और ग्राइंडर लगे होते हैं.
चक्की से आने वाले सोया पेस्ट को स्टोरेज टैंक में इकट्ठा किया जाता है. फिर इसे कुकर में भेज दिया जाता है.
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कैसे बनता है दूध…..?
कुकर में सोया कच्चे सोया मिल्क को पकाया जाता है. कुकर में 120 डिग्री तक तापमान रखा जाता है.
देश के कई हिस्से में सोया मिल्क बनाने का काम हो रहा है. रांची जिले के कामरे में स्थित मैसर्स श्री श्यामा काली एंटरप्राइजेज ने दूध और टोफू के लिए ऑटोमेटिक स्वचालित सोया दूध प्लांट लगाया है.
इस प्लांट में हर दूसरे दिन लगभग 70 लीटर सोया दूध का उत्पादन होता है.
प्लांट में 10 किलो टोफू भी तैयार होता है. बाजार में एक लीटर सोया दूध की कीमत 40 रुपये, जबकि एक किलो टोफू 150-200 रुपये बिक रहा है.
इतनी होती है कमाई
सोया दूध की उत्पादन लागत प्रति लीटर 15 रुपये और टोफू की उत्पादन लागत 50 रुपये आती है. इस तरह रांची के श्यामा काली इंटरप्राइजेज को साल भर में 5,91,500 रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हो रहा है.
इसके अलावा इस प्लांट में कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. इसी तरह पंजाब के होशियारपुर में मैसर्स एग्रो सोया मिल्क ऑर्गेनिक प्लांट गंभाबोल है.
यह प्लांट हर दूसरे दिन करीब 100 लीटर सोया दूध और 60 किलो टोफू का उत्पादन कर रहा है. इस प्लांट को साल में 13,10,400 रुपये की कमाई हो रही है.
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