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सरकार ने किसानों के लिए किया बड़ा ऐलान

 

मिलेंगी नई नौकरी और होंगे ये फायदे

 

केंद्र सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया.

 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया. इस घोषणा के साथ ही नई नौकरियों के लिए अवसर उपलब्ध होंगे. वहीं कई अन्य तरह के फायदे भी मिलेंगे.

दरअसल, केंद्र सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया.

इस योजना में 10 हजार 900 करोड़ रुपए का प्रावधान है. इसका उद्देश्य देश को वैश्विक स्तर पर फूड मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अग्रणी स्थान पर लाना है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय खाद्य उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है.

 

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खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय हमारे किसानों के लिए एक उचित समर्पण है.

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इससे विदेश निवेशी में बढ़ोतरी होगी और किसानों को अपनी पैदावार की उचित कीमत मिलने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

 

क्या हैं इस योजना के उदेश्य ?

  • फूड मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी यूनिट्स को निर्धारित न्यूनतम बिक्री और प्रोसेसिंग क्षमता में बढ़ोतरी के लिए न्यूनतम निर्धारित निवेश के लिए समर्थन करना.
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रोडक्ट्स के लिए एक बेहतर बाजार बनाना और उनकी ब्रांडिंग करना.
  • वैश्विक स्तर पर फूड सेक्टर से जुड़ी भारतीय इकाइयों को अग्रणी बनाना.
  • वैश्विक स्तर पर चुनिंदा भारतीय फूड प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी व्यापक स्वीकार्यता बनाना.
  • कृषि क्षेत्र से इतर रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना.
  • कृषि उपज के लिए उपयुक्त लाभकारी मूल्य और किसानों के लिए उच्च आय सुनिश्चित करना.

 

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इस योजना की मुख्य बातें

  • फूड प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना जिनमें रेडी टू कूक/रेडी टू ईट भोजन, प्रोसेस्ड फल, सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मेजोरेला चीज शामिल हैं.
  • योजना 2021-22 से लेकर 2026-27 तक छह वर्षों की अवधि के लिए लागू की गई है.
  • भारतीय ब्रांड्स की विदेशों में मार्केटिंग करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करना. इस काम के लिए कंपनियों को ग्रांट देने की भी सुविधा है.

 

किसानों को कैसे मिलेगा लाभ ?

अगर कोई किसान आम की खेती करता है तो वह इस योजना के तहत आम से बनने वाले बाय प्रोडक्ट्स के लिए प्रोसेसिंग यूनिट्स लगा सकता है.

सरकार किसान के उद्यम को प्रोत्साहित करने के साथ ही बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगी. इससे रोजगार के अवसर बनेंगे और साथ ही किसान इससे अपनी कमाई भी बढ़ाने में कामयाब होगा.

 

योजना के लिए बनेगान राष्ट्रीय पोर्टल

पूरे देश में लागू होने वाली इस योजना के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल की स्थापना की जाएगी. पोर्टल पर उद्यमी इस योजना में हिस्सा लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे.

योजना से जुड़ी सभी गतिविधियां राष्ट्रीय पोर्टल पर की जाएंगी. योजना के लागू होने से से प्रोसेसिंग सेक्टर के क्षमता का विस्तार होगा और 33 हजार 494 करोड़ रुपए का प्रोसेस्ड फूड तैयार होगा.

सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन होगा.

 

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source : www.tv9hindi.com

 

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