भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा फसल तैयार किया है जिसमें एक ही पौधे में से बैंगन,टमाटर और मिर्च की फसल तैयार कर सकते हैं.
इसमें उन्होंने बैंगन, टमाटर और मिर्ची के पौधे के तीन कलम बांधकर पौधे तैयार करने में ज्यादा पोषक तत्वों की जरुरत होती है.
इसे तैयार करने में 50 से 60 दिनों का समय लग सकता है.
ICAR ने तैयार किया अद्भुत पौधा
हर एक फिल्ड में आज कई तरह के अनुसंधान हो रहे हैं. कई विषयों पर भी पर शोध और प्रयोग चल रहा है.
जिसका परिणाम हमें हैरान कर देता है साथ ही साथ ही ये सोचने को मजबूर कर देता है कि अरे! ऐसा भी हो सकता है.
हर क्षेत्र में विज्ञान बहुत ही तेजी से तरक्की पा रहा है. जिसमें कृषि जगत भी पिछे नहीं है.
इस फिल्ड में भी काफी तेजी से अनुसंधान हो रहै है.ऐसे में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा अनुसंधान किया है कि जो सबको हैरान कर रहा है.
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा फसल तैयार किया है जिसमें एक ही पौधे में से बैंगन,टमाटर और मिर्च की फसल तैयार कर सकते हैं.
आईये जानते है इस फसल के बारे में विस्तार से…
5 साल रिसर्च करने के बाद मिली सफलता
एक ही पौधे से बैंगन,टमाटर,और मिर्ची की खेती करने के लिए किसानों ने करीब पांच सालों तक इसपर शोध किया किया फिर जाकर इस पर जाकर सफलता मिली.
वैज्ञानिकों ने अपने विशेष तकनीकि के माध्यम से एक ऐसा पौधा तैयार किया जिसमें एक ही पौधे से बैंगन,टमाटर और मिर्ची का उत्पादन हो सकेगा.इ
न पौधों को ब्रिमेटो और प्रोमैटो नाम दिया गया है.
कैसे तैयार किए जाते हैं ये पौधे
वैज्ञानिकों ने अपने अथक परिश्रम से ये सफलता हासिल की है.
इसमें उन्होंने बैंगन, टमाटर और मिर्ची के पौधे के तीन कलम बांधकर पौधे तैयार करने में ज्यादा पोषक तत्वों की जरुरत होती है.
इसे तैयार करने में 50 से 60 दिनों का समय लग सकता है.
ये है ग्राफ्टिंग तकनीक
इस पौधे को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक सब्जी के पौधे की नर्सरी तैयार की जाती है उसके बाद उसमें कलम बांधकर दूसरे पौधे की नर्सरी को में लगाते हैं।
इतना करने के बाद पौधे को मौसम के अनुकूल और उर्वरक, पानी और जरुरी पोषक तत्व दी जाती है।
इस तकनीकी से जैविक और अजैविक तना के प्रबंधन कर उत्पादन में 10 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
ग्राफ्टिंग तकनीक से तैयार पौधे का उत्पादन ज्यादा होता है।
किसानों को देंगे सात हजार पौधे
इस अनुसंधान के बाद इसकी खेती करने के लिए या ये कह लें इस पद्धति को लोगों को बताने के लिए पोमैटो व ब्रीमैटो के पौधे किसानों को दिए जा रहे है.
आने वाले माह सात हजार और पौधे दिए जाएंगे. इसके लिए दो हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
उन्हें ग्राफ्टिंग चैंबर व डिब्बे में तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे खुद तैयार कर सकें.