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भारत में कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कितना योगदान दे रहा इजराइल ?

 

इस समय अलग-अलग राज्यों में फल, फूल और सब्जियों की आधुनिक खेती के लिए इजराइल के सहयोग से चल रहे हैं 29 प्रोजेक्ट, पांच पर जारी है काम.

 

इजराइल और भारत के बीच-अगले तीन साल तक कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता हुआ है.

 

दरअसल, भारत में खेती और किसानों की तरक्की के लिए इजराइल के योगदान को कभी नकारा नहीं जा सकता.

अलग-अलग राज्यों में आज भी इसके 29 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जबकि पांच पर काम जारी है. जिसमें से सबसे ज्यादा हरियाणा में हैं.

खेती में उसकी तरक्की की एक वजह यह भी है. अब अगले तीन साल में इंडो-इजराइल विलेजिज ऑफ एक्‍सीलेंस पर काम होगा.

ताकि गांव-गांव तक कृषि विकास की नई इबारत लिखी जा सके.

 

दरअसल, दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में आपसी सहयोग की मजबूत नींव एचडी देवगौडा के शासनकाल में डाली गई थी.

तब देश के कृषि मंत्री सीपीआई नेता चतुरानन मिश्र थे. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा में बना संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र इसकी मिसाल है.

पूसा परिसर में 31 दिसंबर 1996 को इजराइल के राष्ट्रपति इजर वाइजमैन ने भारत-इजराइल कृषि प्रौद्योगिकी मूल्यांकन एवं हस्तांतरण केंद्र की आधारशिला रखी थी.

कुछ साल बाद इसमें संरक्षित कृषि से जुड़ी कई तकनीकों का विकास हुआ. जिसका किसानों ने खूब लाभ उठाया.

 

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क्या है संरक्षित खेती

संरक्षित खेती में एक नियंत्रित वातावरण में फसलों की खेती की जाती है. इसमें ग्रीन हाउस, कीट अवरोधी नेट हाउस, प्लास्टिक लो-हाई टनल और ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल होता है.

इसमें किसानों को ऐसी तकनीक के इस्तेमाल की जानकारी मिली जिससे जलवायु परिवर्तन के बावजूद फसल उत्पादन पर कोई असर न पड़े.

 

इजराइल के सहयोग से पूरा परिसर में लगी हाइटेक नर्सरी का माइक्रो इरीगेशन सिस्टम.

 

प्रोजेक्ट से किसानों तक पहुंची टेक्नॉलोजी

वर्तमान में नीति आयोग की सीनियर एडवाइजर (एग्रीकल्चर) डॉ. नीलम पटेल ने पूसा में लंबे समय तक इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट पर काम किया हुआ है.

उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में हाईटेक हार्टिकल्वर के सभी कंपोनेंट एक साथ मौजूद थे. जो टमाटर हमारे यहां खेतों में चार महीने होता है वो संरक्षित खेती में 10 महीने तक पैदा होता था.

इजराइल के कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस तकनीक को भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों तक ले जाने का काम किया.

 

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कहां किसका है सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस

  • फ्रूट्स, सिरसा, हरियाणा.
  • वेजीटेबल, करनाल, हरियाणा.
  • सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
  • मधुमक्खी पालन विकास, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
  • वेजीटेबल, साबरकांठा, गुजरात
  • खजूर की खेती, कच्छ, गुजरात
  • केसर आम, जूनागढ़, गुजरात
  • आम, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
  • खट्टे फल (नीबू, संतरा), अकोला, नागपुर.
  • अनार, अहमदनगर, महाराष्ट्र
  • केसर आम, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
  • वेजीटेबल, करतारपुर, पंजाब
  • खट्टे फल, होशियारपुर, पंजाब
  • खारे पानी का उपचार, बठिंडा, पंजाब
  • किन्नू और नारंगी, कोटा, राजस्थान
  • अनार, जयपुर, राजस्थान
  • खजूर, जैसलमेर, राजस्थान
  • आम, कोलार, कर्नाटक
  • अनार, बागलकोट कर्नाटक
  • वेजीटेबल, धारवाड़ कर्नाटक
  • आम और लीची, वैशाली, बिहार
  • वेजीटेबल, नालंदा, बिहार
  • फूल, कृष्णागिरी, तमिलनाडु
  • सब्जियां, डिंडीगुल, तमिलनाडु
  • फूल एवं सब्जियां, तेलंगाना
  • फल, बस्ती, उत्तर प्रदेश
  • सब्जियां, कन्नौज, उत्तर प्रदेश
  • फल, लुंगलेई, मिजोरम
  • फल और सब्जियां, कुप्पम, आंध्र प्रदेश

 

अंडर प्रोग्रेस कार्य

  • फल की खेती और बीज उत्पादन, झज्जर, हरियाणा
  • अर्ध शुष्क बागवानी, भिवानी, हरियाणा
  • वेजीटेबल, मुरैना, मध्य प्रदेश
  • संतरा, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश
  • सब्जियां, असम

 

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