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बढ़ते तापमान ने किसानो की चिंता बढ़ाई

 

गेहूं और चने की फसल के लिए फरवरी का महीना अति महत्वपूर्ण

 

धार जिला –

गेहूं और चने की फसल के लिए फरवरी का महीना अति महत्वपूर्ण है। क्याेंकि इसी महीने में ये दाेनाें प्रमुख फसलें पकने की कगार आ जाएंगी। इधर बढ़ते तापमान ने किसानाें के साथ ही कृषि वैज्ञानिकाें की चिंता बढ़ा दी है।

क्याेंकि यदि फरवरी में तापमान लगातार 30 डिग्री या इससे अधिक हाे जाता है ताे गेहूं और चने की फसल का उत्पादन 20 प्रतिशत तक प्रभावित हाे सकता है। अचानक बढ़े तापमान ने किसानों को चिंता में डाल दिया है।

दाेनाें ही फसलाें काे पकने के लिए हल्की ठंड का हाेना जरूरी है। साेमवार काे अधिकतम तापमान में 3 डिग्री की बढ़ाेतरी के साथ 30.2 डिग्री हाे गया। इससे दिन में तेज गर्मी महसूस की जा रही थी। गाैरतलब है कि जिले में 2 लाख 80 हेक्टेयर में गेहूं और 1 लाख 60 हेक्टेयर में चने का रकबा है।

 

एक्टपर्ट व्यू – गेहूं-चने की फसल पकने के लिए फरवरी का महीना खास

गेहूं और चने की फसल के पकने के लिए फरवरी का महीना बहुत खास है। इन दाेनाें ही फसलाें के लिए हल्की ठंड हाेना जरूरी है। इसके लिए न्यूतनतम तापमान 15 और अधिकतम 25 से 30 डिग्री के बीच हाेना चाहिए।

यदि तापमान 30 डिग्री से अधिक हाे जाता है और गर्मी पड़ने लगती है ताे दाेनाें ही फसलें प्रभावित हाेंगी। दाना नहीं बैठेगा। 15 से 20 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित हाे सकता है। पकने के दाैरान नमी भी जरूरी है। माैसम में लगातार बदलाव हाे रहा है। यदि माैसम सही रहा ताे उत्पादन अच्छा हाेगा।

 

पाला गिरने से जिले के ये क्षेत्र हुए थे प्रभावित 

कुछ दिन पहले शीत लहर के चलते जिले के कई जगहाें पर पाला भी गिरा था। इससे वहां फसल काे हल्का नुकसान दर्ज किया गया था। इसमें धार, तिरला, नालछा, दिगठान, बदनावर, सरदारपुर क्षेत्र में गेहूं और चने की फसल काे थाेड़ा नुकसान हुआ था।

 

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source : dainik bhaskar

 

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