किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण की सुविधा जारी रखने का फैसला भी किया गया।
बैठक में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया गया।
पिछले एक साल में 24 लाख किसानों को 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण दिया है। कोरोनाकाल में ऋण चुकाने के लिए अवधि बढ़ाई थी, उस दौरान का ब्याज भी सरकार ही अनुदान के तौर पर देगी।
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मंडियों में 20 फरवरी 2021 तक प्रति सौ रुपये की खरीद पर 50 पैसे ही शुल्क लगेगा। इस निर्णय पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। वहीं, वर्ष 2018 में खरीदी गई उड़द में से बची 63 हजार टन को ई-ऑक्शन के माध्यम से बेचने की अनुमति दी गई।
यदि मंडियों में औसत से बीस फीसद कम कीमत भी मिलती है तो यह बेच दी जाएगी। नीलामी तीन माह में होगी।
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#Cabinet ने तय किया है कि अब सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। 24 लाख किसानों को सरकार की इस छूट का लाभ मिलेगा। सहकारी दुग्ध संघों से जुड़े दुग्ध उत्पादक किसानों को लॉकडाउन अवधि का बकाया ₹14 करोड़ 80 लाख का भुगतान करने का भी निर्णय लिया है। pic.twitter.com/olcOtsEyWm
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 2, 2021
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source : naidunia
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