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बेमौसम बारिश से और लाल हुआ टमाटर

 

महानगरों में कीमत प्रति किलो 90 रुपए के पार पहुंची

 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ट्रैक किए गए 175 शहरों में से 50 से अधिक शहरों में टमाटर की खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक थी.

थोक बाजारों में भी कोलकाता में टमाटर 84 रुपए प्रति किलो, चेन्नई में 52 रुपए प्रति किलो, मुंबई में 30 रुपए प्रति किलो और दिल्ली में 29.50 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है.

 

बेमौसम बारिश की वजह से महानगरों में टमाटर की कीमत 90 रुपए प्रति किलो से ज्यादा तक पहुंच गई है.

बारिश की वजह मंडियों में आवक भी कम हो रही है, कीमत बढ़ने की एक वजह यह भी है.

बढ़ी हुई खुदरा कीमत की वजह से टमाटर को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है.

 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बेमौसम बारिश से फसल खराब होने की खबरों के बीच मंडियों में आवक सुस्त रहने से सोमवार को महानगरों में टमाटर की खुदरा कीमत बढ़कर 93 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. 

मेट्रो शहरों की बात करें तो कोलकाता में टमाटर 93 रुपए प्रति किलो, चेन्नई में 60 रुपए प्रति किलो, दिल्ली में 59 रुपए प्रति किलो और मुंबई में 53 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सोमवार को बेचा गया.

 

बारिश की वजह से बढ़ी कीमत

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ट्रैक किए गए 175 शहरों में से 50 से अधिक शहरों में टमाटर की खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक थी. 

थोक बाजारों में भी कोलकाता में टमाटर 84 रुपए प्रति किलो, चेन्नई में 52 रुपए प्रति किलो, मुंबई में 30 रुपए प्रति किलो और दिल्ली में 29.50 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है.

 

प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के बीच खराब आवक के कारण टमाटर की कीमत लगातार बढ़ रही है. 

मुंबई में टमाटर की आवक 16 अक्टूबर को 241 टन कम थी, जबकि एक सप्ताह पहले 290 टन थी, जबकि दिल्ली में आवक 528.9 टन और इसी तारीख को कोलकाता में 545 टन थी.

 

लखनऊ के गोमनी नगर में सब्जी की दुकान लगाने वाले सब्जी विक्रेता ने सोमवार को बताया कि टमाटर महंगा आ ही रहा है.

ऊपर से जो माल आ रहा उसमें सड़ा हुआ ज्यादा है जिसे कोई खरीदता नहीं है. बारिश की वजह से टमाटर सड़ रहा है.

इसकी वजह से कीमत बढ़ी है. बाकी मंडियों में आवक भी कम हुई है.

 

अभी और बढ़ सकती है कीमत

वर्तमान में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक राज्यों में कटाई चल रही है.

पिछले हफ्ते, आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने कहा था, “मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे दिल्ली जैसे उपभोक्ता बाजारों में आपूर्ति प्रभावित हुई है.

इससे कीमतों में वृद्धि हुई है. थोक और खुदरा, दोनों में.”

 

टमाटर की फसल बोने के लगभग 2-3 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. फसल की कटाई बाजार की आवश्यकता के अनुसार की जाती है. 

नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक भारत है जहां 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती है और जिससे लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ लगभग 19.75 मिलियन टन का उत्पादन होता है.

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