टूटा 6 साल का रिकार्ड
प्रदेश में सावन का पहला सोमवार बारिश के लिहाज से ज्यादा खास नहीं गया। भोपाल weather forcast में सुबह शाम उमस का असर दिखाई दिया। लेकिन मंगलवार यानि आज सुबह से मौसम में ठंडक है। इसी के साथ मौसम विभाग ने 8 जिलों में भारी बारिश, नर्मदापुरम में भारी से अति भारी बारिश और 8 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई है।
इंदौर में टूटा रिकार्ड
प्रदेश के इंदौर में जुलाई का रिकार्ड टूट गया है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इंदौर में बारिश से बीते 6 सालों का रिकार्ड टूट गया है।
19 जुलाई यानि आज तक इंदौर में 414.2 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि 6 साल पहले यानी जुलाई 2016 के बाद की ये सबसे अधिक बारिश है।
अगले दो दिनों की बात करें तो मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इंदौर में 21 जुलाई तक अच्छी बारिश होने की संभावना है।
जिसके बाद 22 से 27 के बीच हल्की बारिश होगी। पूरी जुलाई माह की बात करें 500 मिमी से ज़्यादा बारिश दज की जा सकती है।
एमपी के जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना
आईएमडी ने मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में भारी से अति भारी बारिश का आरेंज एलर्ट जारी कर दिया है। आपको बता दें तेज बारिश से पहले से ही कई जिलों में नदी—नाले उफान पर हैं।
इन जिलों में होगी भारी बारिश
भोपाल, उज्जैन, बुरहानपुर,,खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, गुना, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, सागर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
इन जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका
इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, सागर, जबलपुर, चंबल, ग्वालियर जिले में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
बिजली चमके तो क्या करें
मौसम विभाग के अनुसार भारी से अति भारी वर्षा एवं गरज चमक के साथ के समय यह सावधानियां जरूर रखनी है।
- इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के उपकरणों को उपयोग करने से बचें अथवा अनप्लग कर दें।
- दो पहिया वाहनों के उपयोग से बचें और पेड़ों के नीचे आश्रय न लें।
- वज्रपात के समय अगर पानी में हो तो तुरंत बाहर आ जाएं।
- भारी बारिश के दौरान रेनकोट और छाते का उपयोग करें।
- भारी बारिश के दौरान निचले हिस्सों में जलभराव की संभावना है।
- भारी बारिश के दौरान दृश्यता में कमी हो जाती है इस कारण वाहन चलाते समय सावधानी रखें।
भोपाल में सबसे ज्यादा बारिश क्यों
प्रदेश में सबसे अधिक बारिश भोपाल में हुई। जहां अभी तक कोटे से करीब दोगुनी बारिश हो चुकी है। आपको बता दें जानकारों के अनुसार इसके पीछे यहां की भौगोलिक स्थिति मुख्य कारण हैं। दरअसल भोपाल केंद्र में होने के कारण यहां पर बंगाल और अरब सागर यानि दोनों ओर से आने वाले सिस्टम बारिश कराते हैं। यानि इसका सीधा मतलब ये है कि बारिश किसी भी ओर से हो, भोपाल पर इसका असर जरूर पड़ेगा।
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