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सरकार जैविक खेती और तिलहन उत्पादन को देगी बढ़ावा

 

राज्यों में खोले जाएंगे कृषि विश्वविद्यालय

 

संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रसायन मुक्त जैविक खेती को प्रोत्साहित दिया जाएगा.

जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग पर भी सरकार का जोर है.

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश कर रही हैं.

मंगलवार को बजट पेश करते हुए उन्होंने कृषि क्षेत्र पर विशेष जोर देने की बात कही और सरकार की योजनाओं को सामने रखा.

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश रसायन मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने की है.

बजट भाषण पढ़ते हुए सीतारमण ने कहा कि घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस है.

साथ ही उन्होंने घोषणा की कि राज्यों में और कृषि विश्वविद्यालय खोले जाएंगे.

 

संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रसायन मुक्त जैविक खेती को प्रोत्साहित दिया जाएगा.

जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग पर भी सरकार का जोर है.

दरअसल, हरित क्रांति के बाद से ही उत्पादन बढ़ाने के लिए अत्यधिक रासायनिक खाद का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में हो रहा है.

इससे मानव स्वास्थ्य के साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर भी असर पड़ रहा है.

यहीं कारण है कि सरकार पर्यावरण हितैषी जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है.

 

तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करेगी सरकार- निर्मला सीतारमण

भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है.

60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात किया जाता है. इससे सरकार के खजाने पर असर पड़ता है.

इसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को तिलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

पिछले साल ही पाम ऑयल के लिए एक मिशन की शुरुआत हुई है.

 

उन्होंने कहा कि नेचुरल फार्मिंग, जीरो बजट फार्मिंग और जैविक खेती के हिसाब से कृषि विश्वविद्यालयों में रिसर्च किए जाएंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों में कृषि विश्वविद्यालय खोले जाएंगे ताकि कृषि के क्षेत्र में हो रहे बदलावों से किसानों को अवगत कराया जा सके.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र की मदद के लिए सरकार नई तकनीकों पर भी ध्यान दे रही है.

 

कृषि क्षेत्र को दी जाएगी तकनीक से मदद

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को आईटी बेस्ड सपोर्ट मुहैया कराने पर काम चल रहा है.

कृषि स्टार्टअप्स को सरकार की तरफ से वित्तीय मदद भी दी जाएगी.

नए बदलाव को मूर्त देने के लिए कृषि स्टार्टअप्स और आईटी सेक्टर बड़ी भूमिका निभा सकता है.

साथ ही उन्होंने सोलर प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त फंड देने की बात भी कही.

खेती में सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को सरकार पिछले कुछ समय से बढ़ा रही है.

 

किसान आंदोलन, तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग से कृषि क्षेत्र कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ है.

साथ ही कोरोना महामारी के दौरान जब सभी सेक्टर में बदहाली थी, तब अकेले कृषि क्षेत्र में ही 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी.

सोमवार को पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में उम्मीद जताई गई है कि कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगा.

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