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3 फरवरी को इन्हें दी जाएगी 2000 रुपये की किश्त

ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 2000 रुपये की किश्त

 

खेती-किसानी के कार्यो में काफी संख्या में कृषि मजदूर जुड़े होते हैं।

इनमें से कई ऐसे कृषि मजदूर हैं जिनके पास स्वयं की कृषि भूमि नहीं है और वे दूसरों की कृषि भूमि में श्रमिक के तौर पर काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, अधिकांश ऐसे श्रमिक सरकार की कई योजनाओं से वंचित रहते हैं।

अभी तक चल रही अधिकांश योजना का लाभ ऐसे किसानों को दिया जा रहा है जिनके पास स्वयं की भूमि है|

ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन मजदूरों के लिए “राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना” की शुरुआत करने जा रही है|

 

इस योजना की शुरुआत आगामी 3 फरवरी को होगी।

सांसद श्री राहुल गांधी राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में इस योजना का शुभारंभ करेंगे।

सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।

इसके लिए राज्य के अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

कार्यक्रम में सांसद श्री राहुल गांधी योजना के लिए पात्र 3 लाख 55  हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे।

 

क्या है राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना?

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र मे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है।

जिससे की आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के शुद्ध आय मे वृद्धि हो सके।

योजनांतर्गत अनुदान सहायता राशि मे अंतिम रुप से चिन्हांकित हितग्राही परिवार के मुखिया को राशि 6000 रु. अनुदान सहायता राशि प्रतिवर्ष दो किश्तों में दी जायेगी।

 

योजना की पहली किश्त कब दी जाएगी ?

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के कृषि मजदरों को योजना की पहली किश्त के रूप में 2000 रुपये 3 फरवरी को देने जा रही है|

कार्यक्रम में सांसद राहुल गांधी योजना के लिए 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषिक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे|

 

योजना के लिए यह व्यक्ति होंगे पात्र

योजना के अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी।

ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे।

इस योजना के हितग्राहियों के लिए आवश्यक शर्त यह है कि हितग्राही परिवार के पास कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।

आवासीय प्रयोजन के लिए धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।

 

योजना का आवेदन कब हुआ था ?

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदुर न्याय योजना के तहत आवेदन 1 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक भूमिहीन कृषि मजदूरों का पंजीयन किया गया था|

30 दिसम्बर 2021 तक सभी किसानों की आवेदन की जांच पूरी कर ली गई है|

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