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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार रथों को रवाना किया

प्रचार रथों को रवाना किया

 

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल द्वारा आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार रथों को भोपाल से रवाना किया।

राज्य के 52 जिलों के लिए 52 प्रचार रथ रवाना किए गए हैं,जो प्रत्येक गांव में जाकर किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए जागरूक करेंगे, ताकि प्राकृतिक आपदा आने पर यह फसल बीमा सुरक्षा कवच का काम कर सके।

 

कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि….

इस मौके पर  मध्य प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ खासतौर से छोटे और वनग्राम के किसानों को मिले, इसलिए उनको भी जोड़ा गया है।

मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहाँ वनग्राम का भी बीमा हो रहा है।

चूँकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पटवारी हल्का इकाई है।

राजस्व ग्राम होने से वन ग्राम का पटवारी हल्का नहीं होता है, इसलिए हमने वन ग्राम को राजस्व ग्राम से लिंक करके वन ग्राम के सबसे ज़रूरतमंद आदिवासी जिन्हें बीमे की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, उन्हें फसल सुरक्षा कवच देने के प्रयास किया है।

52 जिलों के लिए 52 किसान रथ रवाना किए

कृषि मंत्री श्री पटेल ने जानकारी दी कि आज मध्यप्रदेश के 52 जिलों के लिए 52 किसान रथ फसल बीमा का प्रचार-प्रसार करने के लिए रवाना किए हैं।

यह प्रचार रथ 23 हज़ार ग्राम पंचायतों के प्रत्येक गांव में जाकर किसान संगोष्ठी और चौपाल लगाकर फसल बीमा के बारे में किसानों को जानकारी देंगे।

 

इसलिए भेजे गये प्रचार रथ

अभी तक किसान यह समझते थे, कि जिनका केसीसी पर ऋण होता है उनका बीमा बैंक से कट जाता है, जो खरीफ फसल का दो प्रतिशत और रबी फसल का डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम होता है।

लेकिन जो किसान चूककर्ता या अऋणी हैं ,उनका केसीसी से बीमा नहीं होता , लेकिन वे पृथक से बीमा करा सकते हैं।

इसी बात का प्रचार करने के लिए यह प्रचार रथ रवाना किए हैं।

जो वन ग्रामवासियों को छोटी सी प्रीमियम राशि जमा करने पर फसल सुरक्षा कवच मिलने की जानकारी देंगे और फसल खराब होने पर बीमा कम्पनी से राशि दिलवाएंगे।

 

दो सालों में 17 हज़ार करोड़ रुपए खातों में जमा

श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश, सर्वाधिक बीमा देने वाला देश ही नहीं दुनिया का पहला राज्य है, जिसने गत वर्ष 7618 करोड़ और इसके पहले के वर्ष में 9 हज़ार करोड़ रुपए अर्थात दो सालों में 17 हज़ार करोड़ रुपए का फसल बीमा किसानों के खातों में जमा कराया है।

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