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एमपी में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ी

मध्य प्रदेश के उन किसानों के लिए अच्छी खबर है, जो अब तक किसी कारणवश न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं शासन को नहीं बेच पाए हैं।

ऐसे किसानों को अब और अधिक समय मिल गया है प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तिथि को आगे बढ़ा दिया है पहले यह 10 मई एवं 12 मई निर्धारित थी।

 

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ा दी गई है।

इसे लेकर मंगलवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आदेश जारी किए हैं।

इससे पहले समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की अंतिम तारीख भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग में 12 मई जबकि शेष संभागों में 15 मई थी।

प्रदेश में असामयिक बारिश के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से बचे किसानों को राहत देते हुए खरीदी की तारीख अब 20 मई कर दी गई है।

 

MSP के नियम एवं भुगतान की प्रक्रिया यह है

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए सॉफ्टवेर के माध्यम से उपार्जन केन्द्रों द्वारा किसानो से अनाज की प्राप्ति (खरीदी) की जाती है।

प्राप्ति के पश्चात किसानो को उनके बेचे गए अनाज की रसीद उपलब्ध कराई जाती है एवं किसानो द्वारा बेचे गये अनाज की राशि सात कार्यालयीन दिवसों में उनके पंजीकृत बैंक खाते मे जमा कर दी जाती है।

ई-उपार्जन साफ्ट्वेय़र के माध्यम से उपार्जन केंद्र द्वारा संग्रहण केन्द्र को किसानो से ख़रीदे गए अनाज का परिवहन किया जाता है।

परिवहन में उपयोग होने वाले बारदानो को भी उपार्जन केंद्र द्वारा प्राप्त और अन्य उपार्ज केंद्र को जारी किया जाता है।

 

न्यूनतम समर्थन मूल्य ई उपार्जन

प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीदी e-Uparjan प्रक्रिया के अंतर्गत 6 चरण आते है।

जिसमें किसान पंजीयन, सन्देश द्वारा खरीदी जानकारी देना, अनाज खरीदी,परिवहन,संग्रहण और भुगतान करने आदि ऑपरेशन किये जाते है।

 

ई-उपार्जन प्रक्रिया के सभी चरण यह हैं :-
  • समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाना अनिवार्य है।
  • सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों को सन्देश द्वारा खरीदी जानकारी दी जाती है।
  • उपार्जन केंद्र पर किसान का गेहूं खरीद लिया जाता है।
  • किसान से खरीदे गए अनाज का परिवहन सुनिश्चित किया जाता है।
  • परिवहन किये गए अनाज का गोदाम में संग्रहण किया जाता है।
  • इसके बाद अंत में किसान के बैंक खाते में सीधे भुगतान कर दिया जाता है, इस प्रक्रिया में 10 से 15 दिन का समय लगता है।

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