किसानों को कॉल कर मंडी, सहकारी समिति या स्वसहायता समूह का प्रतिनिधि बनकर जालसाज (किसानों से ठगी) ठगी कर रहे हैं। कृषि उपज की बिक्री के बाद ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए उनके बैंक खातों में जमा होती है।
राज्य साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी
जालसाज किसानों से विक्रय किए गए अनाज की राशि खाते में जमा करने के लिए ओटीपी देने का कहते हैं।
जैसे ही ओटीपी मिलता है वे खाते से रकम निकाल (किसानों से ठगी) लेते हैं।
स्टेट साइबर सेल के पास इस तरह की 20 से ज्यादा शिकायतें आई हैं, जिसके बाद एक एडवाइजरी जारी की गई है।
ऐसे कॉल आएं तो ये करें
- बैंक खाते या एटीएम कार्ड की जानकारी अंजान व्यक्ति को न दें।
- अनाज विक्रय की राशि बैंक खाते में जमा न होने या इसमें देरी होने पर मंडी, सहकारी समिति या स्वसहायता समूह के प्रतिनिधि से खुद मिलकर समाधान करें।
- किसान एहतियात से जुड़ी ये जानकारी अपने परिवार को भी दें, क्योंकि कई बार परिवार के सदस्य भी कॉल रिसीव कर जालसाजों के बहकावे में आ जाते हैं।
- फिर भी यदि आप ऐसे साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं तो www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें।